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झारखंड : पशुपालन की तरह है कंबल घोटाला: सरयू राय
विकास आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं हुई जांच, घोटाले में शामिल लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने झारक्राफ्ट में भ्रष्टाचार और कंबल घोटाला के मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर संलिप्त अधिकारियों पर अविलंब कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है़ […]
विकास आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं हुई जांच, घोटाले में शामिल लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने झारक्राफ्ट में भ्रष्टाचार और कंबल घोटाला के मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर संलिप्त अधिकारियों पर अविलंब कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है़
श्री राय ने पत्र में लिखा है कि इस घोटाले में आरोपियों ने वही तरीका अपनाया है, जो तरीका बिहार में हुए पशुपालन घोटाला में अपनाया गया था़ इस घोटाले की जांच भी सीबीआइ जैसी किसी केंद्रीय एजेंसी से करायी जाये़ श्री राय ने पत्र में लिखा है कि झारक्राफ्ट में भ्रष्टाचार एवं घोटाला की खबरें एजी द्वारा ऑडिट के दौरान पाये गये घोटाला के प्रमाणों पर आधारित हैं.
राज्य के विकास आयुक्त ने झारक्राफ्ट द्वारा कंबलों के निर्माण एवं खरीद में हुई गड़बड़ी की निगरानी जांच कराने का आदेश करीब एक माह पूर्व दिया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई होने की सूचना अब तक नहीं है.
दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो : मंत्री ने पत्र में लिखा है कि आपको स्मरण होगा कि पशुपालन घोटाला मैंने उजागर किया था और घोटाले की सीबीआइ जांच हेतु पटना हाइकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट से आदेश प्राप्त किया था. इस मामले में आज भी मुकदमे चल रहे हैं.
ऐसे में झारक्राफ्ट के इस घोटाले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि लोगों में यह संदेश नहीं जाये कि जिन लोगों ने पशुपालन घोटाला के अभियुक्तों को सजा दिलवायी, उन्हीं की सरकार में ऐसा घोटाला उजागर होने के बाद कार्रवाई नहीं हो रही है़ मंत्री ने पत्र में लिखा है कि सक्षम अधिकारी द्वारा इसकी निगरानी जांच कराने के निर्देश के एक माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. विकास आयुक्त के निर्देश के आलोक में झारक्राफ्ट घोटाले की उच्चस्तरीय जांच अविलंब होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए़
कार्रवाई नहीं होने से हो रही है चर्चा: उन्होंने पत्र के जरिये कहा है कि विगत दो दिनों से घोटाले के आरोपी झारक्राफ्ट की सीइओ द्वारा त्यागपत्र देने और त्यागपत्र देने के बाद उद्योग निदेशक पर गंभीर आरोप लगाने की खबरें भी विगत दो दिनों से समाचार पत्रों में प्रमुखता से छप रही हैं.
उद्योग निदेशक ने भी अपने बचाव में वक्तव्य दिया है़ आरोप–प्रत्यारोप की ऐसी खबरों के सार्वजनिक होने पर भी सरकार द्वारा इस पर कार्रवाई नहीं किये जाने से तरह–तरह की चर्चा शुरू है़ ऐसी परिस्थिति में झारक्राफ्ट की सीइओ का त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. इनका त्यागपत्र स्वीकार करने से संदेश जायेगा कि सरकार इनका बचाव कर रही है़
झारक्राफ्ट की सीइओ की नियुक्ति किस परिस्थिति में, किस प्रक्रिया से और इनकी किस विशेषज्ञता को ध्यान में रखकर की गयी, इसे भी जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए. श्री राय ने पत्र में लिखा है कि विकास आयुक्त ने निगरानी जांच कराने का निर्देश दिया है, लेकिन मुझे लगता है कि इसकी किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच होनी चाहिए़
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