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बेहद खास होगी मोदी-शी की यह मुलाकात, पार्क या बोट पर करेंगे जटिल रिश्तों पर कूटनीतिक बात

वार्ता का नहीं होगा कोई एजेंडा, डोकलाम व चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर वार्ता की संभावना नहीं वार्ता के दौरान न एमओयू होगा, न साझा बयान जारी होगा नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर बाद चौथी बार चीन की यात्रा पर रवाना होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार व शनिवार को चीन के वुहान शहर […]

वार्ता का नहीं होगा कोई एजेंडा, डोकलाम व चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर वार्ता की संभावना नहीं
वार्ता के दौरान न एमओयू होगा, न साझा बयान जारी होगा

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर बाद चौथी बार चीन की यात्रा पर रवाना होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार व शनिवार को चीन के वुहान शहर में राष्ट्रपति शी के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता करेंगे. अपने मेहमान प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए चीन के राष्ट्रपति शी वुहान शहर पहुंच गये हैं. इस दौरान न कोई एमओयू एक्सचेंज नहीं होगा और ही ज्वाइंट स्टेटमेंट आएगा. मोदी की इस यात्रा की सबसे खास बात यह होगी कि वे चीन के राष्ट्रपति शी से अनौपचारिक रूप से मिलेंगेऔरदोनों देशों के परस्पर सहित वैश्विक मुद्दों पर खुल कर बात करेंगे. दोनों नेता एक-दूसरे से संंबंधों को नये सांचे में ढालने की संभावना पर भी बात करेंगे. इस वार्ता के दौरान साझी सोच विकसित करने की दिशा में बातचीत करेंगे.

इस संबंध में चीन में भारत के राजदूत गौतम बांबवेल ने कहा है कि इस बैठक का उद्देश्य एक ऐसा माहौल विकसित करना है, जिसमें दो नेता को एक-दूसरे को खुले माहौल में, स्पष्ट रूप से और खुल कर बात करने का माहौल मिले.

गौतम बांबवेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच वार्ता का मुख्य तत्व यह है कि वहां वार्ता का कोई एजेंडा नहीं सेट किया जाएगा. बातचीत एक दोस्ताना माहौल में होगी और वे दोनों संभवत: पार्क में या इस्ट लेक में बोट राइडिंग करेंगे. बांबवेल ने कहा है कि एशिया के दो दिग्गज देशों के नेताओं की अपने किस्म की यह पहली वार्ता है.

दोनों नेताओं के बीच यह मीटिंग ऐसे समय में होने जा रही है जब डोकलाम पर तनाव के बाद दोनों देश अपने संबंधों को पुन: पटरी पर लाना चाहते हैं. हालांकि डोकलाम मुद्दा और पेचीदा चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का मुद्दा दोनों देशों की इस वार्ता में शामिल नहीं हो रह सकता है. ध्यान रहे कि चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले भारत के जम्मू कश्मीर के हिस्से से पार करता है.

चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर काे वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाये गये प्रस्ताव के खिलाफ में मत दिया था.

गौतम बांबवेल ने कहा है कि जब दो शक्तिशाली नेता मिलते हैं तो वे किसी विशेष या छोटे मुद्दों पर वार्ता नहीं करते, बल्कि वे अधिक व्यापक स्तर पर वार्ता करते हैं.

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