पटना : नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान को लेकर बिहार की सियासत का ताप बढ़ता ही जा रहा है. नेता विरोधी दल तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीति आयोग के पूरे तंत्र पर हमला करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब खुल कर इसका विरोध करना चाहिए.
एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर उनकी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी जिसकी केंद्र में भी सरकार है उसके अधीन काम करनेवाले अफसर बिहार की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं. राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव का मानना है कि मुख्यमंत्री की ओर से विकास का जो दावा किया जा रहा है नीति आयोग ने सवाल खड़ा कर दिया है.
इससे पूर्व मंगलवार को भी नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि नीति आयोग के बयान पर मुख्यमंत्री सामने आएं और बिहार की जनता को बताएं कि नीति आयोग झूठ बोल रहा है. जिस बिहार के लोग राष्ट्र की समृद्धि और सामरिक शक्ति में वृद्धि करते हैं, उनके योगदान को कमतर आंक कर नीति आयोग ने बिहारी अस्मिता और कर्मठता को अपशब्द कहा है.
उन्होंने कहा था कि अमिताभ कांत ने अज्ञानतावश बड़े ही दुर्भाग्यपूर्ण रूप से एक गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है. इसमें बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों ने ही देश में प्रगति के रफ्तार को कम कर दिया है. यह साफ दिखाता है कि नीति आयोग के अधिकारी देश की सामाजिक-आर्थिक जमीनी हकीकत से एकदम अनजान हैं. नीति आयोग ने सिर्फ बहानेबाजी और समस्याएं गिनाने के अलावा और कुछ नहीं किया है.