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आसनसोल : देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) तथा इसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों में कार्यरत कर्मी केंद्र सरकार द्वारा बढ़ायी गयी ग्रेच्यूटी सीलिंग के भुगतान को लेकर संशकित है. बढ़ी हुयी ग्रेच्यूटी राशि पर कोल इंडिया के सवा तीन लाख कर्मियों की निगाहें टिकी हुयी हैं. अब 20 लाख ग्रेच्यूटी की आस लगाये […]

आसनसोल : देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) तथा इसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों में कार्यरत कर्मी केंद्र सरकार द्वारा बढ़ायी गयी ग्रेच्यूटी सीलिंग के भुगतान को लेकर संशकित है. बढ़ी हुयी ग्रेच्यूटी राशि पर कोल इंडिया के सवा तीन लाख कर्मियों की निगाहें टिकी हुयी हैं.
अब 20 लाख ग्रेच्यूटी की आस लगाये कर्मी मायूस हो गये हैं. केंद्र सरकार के भारी उद्योग व लोक उपक्रम मंत्रलय के अवर निरीक्षक एस हक ने सरकार के सभी प्रशासनिक मंत्रलयों व विभागों को निर्देश दिया है कि वे अपने नियंत्रणाधीन केंद्रीय उद्यमों के 29 मार्च, 2018 से रिटायर होनेवाले कर्मियों को ही 20 लाख रूपये ग्रेच्यूटी का भुगतान करें. इसके पूर्व रिटायर होनेवाले कर्मियों को ग्रेच्यूटी मद में 10 लाख रूपये का ही भुगतान होगा.
डेडलाइन के झोंके से उम्मीद टूटी
श्री हक ने सभी मंत्रलयों को इस आदेश को अमल में लाने का आग्रह किया है. इस आदेश के बाद साफ हो गया है कि देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों यथा- एनटीपीसी, सेल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, कोल, एसइसीएल कर्मियों को 29 मार्च, 2018 के पहले रिटायर होने पर मात्र 10 लाख रूपये की ही ग्रेच्यूटी मिलेगी. मालूम हो कि कोल इंडिया में जनवरी, 2016 से रिटायर कर्मियों को 20 लाख रूपये की ग्रेच्यूटी की मांग की जा रही है. इस पर सरकार सहमत नहीं है. केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों के लिए ग्रेच्यूटी की सीमा 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख रूपये कर दी है. पर कोल इंडिया में इसे लागू करने के लिए कोलकर्मी काफी परेशान थे. कोल कर्मियों को उम्मीद थी कि सरकार के इस निर्णय का अनुपालन कोल इंडिया में भी होगा.
20 लाख ग्रेच्यूटी की आस लगाये कोल कर्मियों में भारी मायूसी
कोल इंडिया में किसी भी कर्मचारी को 30 साल के सेवाकाल में 450 दिन के वेतन के बराबर ग्रेच्यूटी राशि सेवा निवृत्ति के दिन देने का प्रावधान है. इसके आगे राशि घटती जायेगी. राशि की सीमा 10 लाख रूपये से अधिक नहीं होगी. यदि वेतन अधिक है तथा जमा होनेवाली राशि अधिक आ रही है ,तब भी 10 लाख रूपये ही हिसाब में जमा होंगे.
यूनियनों का रूख
ट्रेड यूनियन नेता ग्रेच्यूटी राशि की इस सीलिंग को समाप्त करने की मांग करते रहे हैं. उनका कहना है कि पहले वेतन कम था. अब पहले की तुलना में वेतन में काफी बढ़ोत्तरी हो गयी है. जिसके कारण हिसाब से अधिक राशि आती है. बावजूद इसके पूरी रकम नहीं दी जा रही है. मंहगाई को देखते हुए ग्रेच्यूटी की सीमा बढ़नी चाहिए. एटक नेता तथा जेबीसीसीई सदस्य आरसी सिंह ने कहा कि ग्रेच्यूटी राशि की सीमा बढ़ाने की मांग लंबे समय से हो रही है. केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख ग्रेच्यूटी कोयला मजदूरों को भी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मामला जेबीसीसीई की स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी में भी भेजा जा सकता है. उनका कहना है कि बाध्यता होने पर दसवां वेतन समझौता शुरू होने की तिथि एक जुलाई, 2017 से इस निर्णय को लागू किया जाना चाहिए.

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