Digital Desk @ Ranchi
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफकांग्रेस ने देश भर में जो माहौल तैयार किया है, उसे भुनाने की कोशिशों में क्षेत्रीय दल भी जुट गये हैं. आगामी आम चुनावों और झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन की कवायद शुरू हो गयी है. बाबूलाल मरांडी के बाद झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के दूसरे सबसे बड़े नेता प्रदीप यादव ने मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात की.
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जेवीएम के मीडिया प्रभारी तौहीद आलम ने इस आशय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे भाजपा को आगे बढ़ने से रोका जाये. आम चुनावों से लेकर झारखंड विधानसभा चुनाव तक में भाजपा को हराने की रणनीति पर भी दोनों नेताओं ने विचार-विमर्श किया. श्री आलम ने बताया कि येन-केन-प्रकारेण भाजपा सत्ता पर काबिज होना चाहती है. इसके लिए साम-दाम-दंड-भेद का भी सहारा लेती है. लालू प्रसाद यादव इसका जीता-जागता उदाहरण हैं.
श्री आलम ने कहा कि एक आम आदमी बैंक से लोन लेने जाता है, तो उसके चप्पल घिस जाते हैं, एक लाख रुपये नहीं मिलता. विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लोग हजारों करोड़ रुपये बैंक से लोन लेते हैं और लेकर विदेश भाग जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी जानते थे कि ये लोग डिफॉल्टर हैं, फिर भी उन्हें वीजा कैसे मिल गया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भाजपा देश को बांटकर शासन करना चाहती है. झारखंड में उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा. इसके लिए झाविमो को जिस हद तक जाना होगा, वह जायेगी.
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यह पूछने पर कि झारखंड में महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा,श्री आलमने कहा कि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. इस संबंध में अंतिम निर्णय शीर्ष नेता बाबूलाल मरांडी ही लेंगे. लेकिन, वह पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा को हराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.