घटना का मुख्य आरोपित अभी भी है फरार
आरोपित के खिलाफ 15 हजार रुपये का जुर्माना
सीवान : द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार दूबे ने संदीप शर्मा हत्याकांड मामले में आरोप सिद्ध होने पर रामानंद मांझी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. बता दें कि बड़हरिया थाना के पकवलिया गांव निवासी मदन शर्मा ने अपने बयान में कहा है कि मेरे पुत्र 23 अक्तूबर 2014 को शाम के 6.30 बजे शौच कर घर लौट रहा था कि रास्ते में गांव के ही रामानंद मांझी, शेरू मांझी ने पसुली से गला रेतकर हत्या कर दी. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि संदीप शर्मा का प्रेम प्रसंग रामानंद मांझी के पुत्री से चल रहा था.
अभियोजन के तरफ से एपीपी अनिल कुमार पाठक ने नौ गवाहों की गवाही कराया है. बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता मोहन पांडे ने अपना पक्ष रखा. इस पर दोनों पक्षों का बहस सुनने के बाद एडीजे दो के कोर्ट में भादवि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास 10 हजार रुपये जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. वहीं भादवि की धारा 307/34 में सात वर्ष पांच हजार रुपये जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की सजा, 341/34 में एक माह का सश्रम कारावास, 324/34 में दो वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. दोनों सजाएं जेल की सजा का समायोजन किया जायेगा. वहीं अभी शेरू मांझी अभी भी पुलिस की पकड़ से फरार चल रहा है.