नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बलात्कार की घटनाओं पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी को सिर्फ 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनने की चिंता है. कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ‘आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की प्रमुख ने कहा कि भारत में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन मोदी जी चुप. कुछ नहीं बोले… मोदी जी को सिर्फ मोदी जी में दिलचस्पी है और किसी मुद्दे में नहीं.’
उन्होंने कहा कि मोदी को सिर्फ 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनने की फिक्र है, लेकिन अगली बार जनता उनको अपने ‘मन की बात’ सुनायेगी. प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए राहुल ने कहा, ‘मोदी जी सोचते हैं कि जो शौचालय साफ करता है या गंदगी उठता है, वह यह काम पेट भरने के लिए नहीं करता, बल्कि आध्यात्म के लिए करता है.’ उन्होंने कहा कि मोदी जी देश के दलित आपसे गुस्सा हैं क्योंकि यह आपकी विचारधारा ऐसी है.
उन्होंने कहा, ‘देश का हर व्यक्ति यह समझता है कि इस व्यक्ति (मोदी) के दिल में दलितों, कमजोरों और महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है. ऊना में घटना होती है और वह कुछ नहीं बोलते.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संविधान देश के सभी लोगों की रक्षा करता है. इस देश में जो भी संस्थाएं हैं वह हमारे संविधान की वजह से हैं. संविधान के बिना कुछ नहीं बनता. उन्होंने कहा कि जनता जज के पास जाती और न्याय मांगती है. पहली बार जज न्याय मांगने जनता के बीच आये. ‘सुप्रीम कोर्ट को कुचला जा रहा है. संसद नहीं चलने दी जा रही क्योंकि मोदी जी जवाब देने से घबरा रहे हैं.’
राहुल ने कहा कि संसद में 15 मिनट भाषण करा लो मोदी जी वहां टिक नहीं पायेंगे. कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, अहमद पटेल, मोती लाल बोरा, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह, सुशील कुमार शिंदे, पी एल पूनिया और कई दूसरे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान का मकसद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर जोरशोर से उठाना है.
कार्यक्रम की शुरुआत साथ ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अलावा पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन और पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम जैसे आजाद भारत के बड़े दलित नेताओं और दूसरे क्षेत्रों की दलित हस्तियों को याद किया गया. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का भी जिक्र हुआ. माना जा रहा है कि कांग्रेस ने ‘संविधान बचाओ’ अभियान 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलित समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास के तहत शुरू किया है.
हाल के दिनों में उच्चतम न्यायालय द्वारा एससी-एसटी कानून में कथित तौर पर बदलाव के मुद्दे पर दलित आक्रोशित नजर आ रहे हैं. कांग्रेस इस मौके का लाभ उठाकर उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगत में जुटी है. इसी को ध्यान में रखकर इस अभियान की शुरुआत की गयी है.