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पंचायत चुनाव: गांवों का विकास तो हुआ पर मेंटेनेंस नदारद
सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के समय शहरों के साथ-साथ गांवों का भी काफी विकास तो हुआ, लेकिन उन विकास कार्यों के पूरे होने के बाद मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जाता. सिलीगुड़ी से सटे फूलबाड़ी-01 नंबर अंचल इलाके का भी कुछ ऐसा ही आलम है. पूरे अंचल इलाकों के सड़कों के किनारे […]
सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के समय शहरों के साथ-साथ गांवों का भी काफी विकास तो हुआ, लेकिन उन विकास कार्यों के पूरे होने के बाद मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जाता. सिलीगुड़ी से सटे फूलबाड़ी-01 नंबर अंचल इलाके का भी कुछ ऐसा ही आलम है.
पूरे अंचल इलाकों के सड़कों के किनारे लैम्प पोस्ट तो लगे हैं लेकिन लाइट नहीं है. प्राय: सभी लैम्प पोस्ट काफी दिनों से ही खराब पड़े हैं. जिस ओर शासन-प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है और न ही किसी के पास इन्हें मरम्मत करने की जहमत है. बताते चले कि यह अंचल वैसे भी राज्य सरकार के पर्यटन मंत्री गौतम देव के डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ता है.
रात अंधियारे में गुजर-बसर करने को मजबूर आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप है कि शाम होने के बाद कोई भी बगैर जरूरी काम के घर से बाहर निकलने से कतराते हैं. एक ग्रामीण निर्मल बर्मन का कहना है कि इलाके में लैम्प पोस्ट तो है लेकिन इनसे रोशनी नहीं होती. रात के वक्त पूरा इलाका अंधेरे की काली चादर से ढक जाता है.
एक अन्य ग्रामीण पलास राय का आरोप है कि जब इलाके में लैम्प पोस्ट लगाया गया तो उसके कुछ ही महीनों में प्राय: सभी लैम्प पोस्ट खराब हो गये. जो आज-तक दोबारा रोशन नहीं हुआ.
अंधियारे के वजह से यूं तो गांव का हर ग्रामीण ही काफी परेशान हैं लेकिन खासतौर महिलाओं को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ता है. रात में महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पाती. काम काज वाली महिलाओं को काफी परेशानी होती है. आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि हमारी समस्याओं को सूनने वाला भी कोई नहीं है और न ही हमारी सुध लेनेवाला.
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