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जमीनी तैयारी के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी सहारा

रांची : सिल्ली और गोमिया विधानसभा के उपचुनाव की तैयारी दलों ने शुरू कर दी है. कारण है कि गोमिया और सिल्ली दोनों सीट तत्कालीन विधायक को अदालत से दो साल से अधिक सजा दिये जाने के कारण खाली है. जैसे ही विधायकों की सदस्यता गयी, कई नेता मैदान में आ गये हैं. आये दिन […]

रांची : सिल्ली और गोमिया विधानसभा के उपचुनाव की तैयारी दलों ने शुरू कर दी है. कारण है कि गोमिया और सिल्ली दोनों सीट तत्कालीन विधायक को अदालत से दो साल से अधिक सजा दिये जाने के कारण खाली है. जैसे ही विधायकों की सदस्यता गयी, कई नेता मैदान में आ गये हैं. आये दिन नुक्कड़ सभा और कार्यक्रमों का आयोजन क्षेत्रों में हो रहा है. पुराने साथी और कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया गया है. पूजा-पाठ के साथ-साथ सार्वजनिक समारोह में संभावित प्रत्याशियों की उपस्थिति नजर आने लगी है. सिल्ली विधानसभा में आजसू और झामुमो के साथ-साथ अन्य दलों ने भी तैयारी शुरू कर दी है.

सिल्ली विधानसभा सीट झामुमो के अमित कुमार महतो के पास थी. एक मामले में उन्हें सजा होने के बाद सदस्यता समाप्त कर दी गयी है. एेसे में सोशल मीडिया पर श्री महतो के समर्थक उनकी पत्नी को विकल्प से रूप में बता रहे हैं. इसके लिए श्री महतो के साथ उनकी पत्नी के कई फोटो भी पोस्ट किये गये हैं. वहीं सुदेश महतो भी आजसू कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय हैं. पिछली चुनाव में सुदेश महतो, अमित महतो से हार गये थे.

जनता को बता रहे हैं उपलब्धि : दूसरी तरफ, गोमिया विधानसभा सीट झामुमो से जीते योगेंद्र महतो को सजा हो जाने के बाद से खाली है. इस सीट पर पिछली बार भाजपा ने माधव लाल सिंह को उम्मीदवार बनाया था. इस बार आजसू इस सीट पर भाजपा के सहयोगी दल के रूप में चुनाव लड़ना चाह रही है. मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के सरकारी आप्त सचिव रहे लंबोदर महतो आजसू में शामिल होने के बाद से गोमिया विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गये हैं. यहां उनकी भी प्रबल दावेदारी मानी जा रही है. श्री महतो फिलहाल गोमिया में ज्यादा सक्रिय हैं. वहां विभिन्न विभागों में रहते हुए कराये गये कार्यों को जनता तक पहुंचा रहे हैं.
सीट नहीं छोड़ने का बनाया जा रहा है दबाव
इधर, भाजपा के कई नेता सीट नहीं छोड़ने का दबाव आलाकमान पर बना रहे हैं. वहीं झामुमो के दोनों विधायक सदस्यता समाप्त होने के बाद भी जमानत पर हैं. इस कारण दोनों अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके साथ अन्याय हुआ है. विपक्षी इनके विधायक रहते काम नहीं होने का दावा करते हुए जनता के बीच जा रहे हैं. जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि अनुभव वाले विधायक ही क्षेत्र में बदलाव ला सकते हैं. यह पूर्व में अपने द्वारा कराये गये कार्यों की हवाला देकर जनता की सहानुभूति लेने का प्रयास कर रहे हैं.

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