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State Bank प्रमुख रजनीश कुमार का दावा : एटीएम आैर बैंकों से शुक्रवार तक छंट जायेगा नकदी संकट

नयी दिल्ली : बीते कर्इ दिनों से देश के सरकारी आैर निजी बैंकों आैर उनके एटीएम्स में जारी नकदी संकट के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआर्इ) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने गुरुवार को दावा किया है कि शुक्रवार तक बैंक आैर एटीएम में जारी नकदी का संकट समाप्त हो जायेगा. एसबीआर्इ के चेयरमैन रजनीश कुमार […]

नयी दिल्ली : बीते कर्इ दिनों से देश के सरकारी आैर निजी बैंकों आैर उनके एटीएम्स में जारी नकदी संकट के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआर्इ) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने गुरुवार को दावा किया है कि शुक्रवार तक बैंक आैर एटीएम में जारी नकदी का संकट समाप्त हो जायेगा. एसबीआर्इ के चेयरमैन रजनीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कुछ राज्यों में सामने आ रही नकदी की कमी की समस्या का शुक्रवार तक समाधान कर लिया जायेगा. इन राज्यों में नकदी भेजी जा रही है.

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कुमार ने कहा कि कुछ इलाके ही ऐसे हैं, जहां नकदी की कमी से एटीएम मशीनें चलाने में दिक्कत आ रही है या जहां कुछ विशेष तरह के नोटों की कमी है. कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा कि यह कोई सार्वभौमिक नकदी की कमी वाली समस्या नहीं है. यह तेलंगाना और बिहार जैसे इलाकों में हैं. हमें उम्मीद है कि यह समस्या कल तक सुलझ जाएगी, क्योंकि नकदी को भेजा जा रहा है और यह इन राज्यों में आज शाम तक पहुंच जायेगी.

13 दिन में 45,000 करोड़ रुपये की बढ़ी नकदी की मांग

इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , कर्नाटक , मध्यप्रदेश और बिहार जैसे देश के कुछ राज्यों में अचानक से नकदी की मांग बढ़ गयी है. इस महीने के शुरुआती 13 दिनों में 45,000 करोड़ रुपये की मांग बढ़ गयी है. कुमार ने कहा कि इस कमी के लिए नकदी को अपने पास रोक लेने वाले लोग जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि लोग यदि नकदी निकालते हैं, तो उन्हें इसे वापस बैंक में भी जमा कराना होता है. यदि ऐसा नहीं होता है, तो फिर हम कितनी भी नकदी की आपूर्ति कर लें, यह देश के लिए अपर्याप्त ही रहेगी.

सुभाष चंद्र गर्ग ने पहले ही जाहिर की थी नोटों की जमाखोरी की आशंका

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि सरकार को संदेह है कि 2,000 रुपये के नोट की जमाखोरी की जा रही है, क्योंकि यह नोट वापस बैंकिंग तंत्र में नहीं लौट रहा है. नकदी की तंगी से निपटने के लिए 500 रुपये के नोट की छपाई पांच गुणा तेज कर दी गयी है.

बाजार में 70,000 करोड़ रुपये की नकदी की दरकार

उधर, खबर यह भी है कि देश के कुछ राज्यों में नकदी की तंगी के बीच सरकार ने नोटों की छपाई का काम तेज कर दिया है. चारों नोट छपाई कारखानों में 24 घंटे काम हो रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में अनुमानित आधार पर 70,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी को पूरा करने के लिए इस हफ्ते मशीनें 500 और 200 रुपये के नोटों की अनवरत छपाई कर रही हैं.

सातों दिन आैर चौबीसों घंटे नोटों की छपार्इ करने का दावा

अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति मुद्रण और मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) के चारों छपाईखाने औसतन दिन में 18 से 19 घंटे काम करते हैं. इनमें सिर्फ तीन से चार घंटे का ही विराम होता है, लेकिन नकदी की अचानक बढ़ी मांग और एटीएम मशीनों में नकदी खाली होने के चलते यह मुद्रणालय हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम कर रहे हैं.

इस महीने के आखिर तक ही मार्केट में आ पायेंगे छपने वाले नये नोट

उन्होंने कहा कि आम तौर पर मुद्रा को प्रिंट किये जाने का चक्र 15 दिन में होता है. इस हफ्ते से जिन नोटों की छपाई शुरु हुई है, वह बाजार में इस माह के आखिर तक ही उपलब्ध हो सकेंगे. अधिकारी ने कहा कि इससे पहले छपाईखानों ने 24 घंटे काम नोटबंदी के बाद 2,000 रुपये की नोटों की छपाई के लिए किया था, ताकि बाजार में आयी तरलता की कमी को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके.

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