नियोजन को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट
रांची : राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में नियोजन को लेकर गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है. इसमें खतियान को आरक्षण का लाभ देने की अनुशंसा की गयी है.
साथ ही सरकार की अोर से लागू स्थानीय नीति के अनुरूप 1985 से पहले झारखंड में बसने वालों को स्थानीय के लिए आरक्षित नौकरियों में सामान्य वर्ग के रूप में माना जायेगा. इस पर विपक्षी दलों के नेताअों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. इनका कहना है कि सरकार हड़बड़ी में कोई भी निर्णय ले लेती है, जिसकी वजह से उसे अपना फैसला वापस लेना पड़ता है. सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर ही कोई स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए.
नयी परिभाषा गढ़ने के चक्कर में चीजों को उलझाया जा रहा : झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार नयी परिभाषा गढ़ने के चक्कर में चीजों को उलझा रही है.
व्यापक हित में निर्णय नहीं लिया जा रहा है. छोटे स्वार्थ के लिए लोगों के साथ खतरनाक खेल खेला जा रहा है. यही वजह है कि सरकार को बार-बार अपना फैसला वापस लेना पड़ता है. पहले 1985 को आधार बना कर स्थानीय नीति घोषित की गयी. अब जिसके पास खतियान है, उसे आरक्षण देने की बात कही जा रही है. सरकार स्पष्ट रूप से कोई निर्णय नहीं ले रही है.
इसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है. पहले अंतिम सर्वे के आधार पर स्थानीय नीति घोषित करने की बात उठी थी, जिसे सरकार ने नहीं माना. निकाय चुनाव में 11 गैर अनुसूचित जिलों में लाभ लेने को लेकर सरकार ने जल्दबाजी में प्रक्रिया पूरी की.
यहां के लोगों को न्याय मिलना चाहिए :
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार ने पहले हड़बड़ी में नियोजन नीति घोषित कर दी. जब जन दबाव बढ़ा, तो आनन-फानन में कमेटी घोषित की. इससे असमंजस की स्थिति बनी. यह काम सरकार को पहले करना चाहिए. सरकार को इस मसले पर पर निर्णय लेने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यहां के लोगों को न्याय मिले.
नियोजन नीति में कई खामियां: ़झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा है कि स्थानीय नियोजन नीति के संदर्भ में मंत्री अमर कुमार बाउरी कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री को जो प्रस्ताव पत्र सौंपा गया है उसमें कई खामियां है़ं
देश के कई राज्य द्वितीय श्रेणी कि नियुक्तियों में अपने राज्य के निवासियों के लिए नियोजन नीति बनाकर उन्हें लाभ देते हैं, परंतु अमर कुमार बाउरी कमेटी के प्रस्ताव में इसकी चर्चा नहीं है़ इससे जेएसएससी द्वारा आयोजित हाइस्कूल शिक्षक बहाली और प्लस- टू शिक्षक बहाली के जारी होने वाले रिजल्ट में झारखंडियों को लाभ नहीं मिलेगा़ सरकार दोनों बहाली में नियोजन नीति लागू कर संशोधित रिजल्ट प्रकाशित करे अथवा नये सिरे से विज्ञापन जारी कर बहाली करे़
आरक्षण अधिकार मोर्चा ने पुतला फूंका
रांची़ : आरक्षण अधिकार मोर्चा ने नियोजन कमेटी द्वारा 17 अप्रैल को सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट के विरोध में नियोजन कमेटी के अमर बाउरी, राधा कृष्ण किशोर, रामकुमार पाहन, अमित मंडल, सत्येंद्र तिवारी, राज सिन्हा व कार्मिक सचिव का पुतला मोरहाबादी में फूंका़ छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, विरोध जारी रहेगा़ छात्रों ने मांग की है कि जेपीएससी, जेएसएससी व अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित हो रही सभी नियुक्ति प्रकियाओं पर तत्काल रोक लगायी जाये.
साथ ही प्रारंभिक परीक्षा के संदर्भ में जेपीएससी, जेएसएससी व अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षा में एसटी, एससी, ओबीसी आरक्षण लागू करे़ं स्थानीय लोगों की ही नियुक्ति ग्रुप डी और सी में 10 वर्षों के लिये नहीं बल्कि ’10 नियुक्ति वर्ष तक’ का प्रावधान किया जाये.
पुतला दहन व विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में अजय चौधरी, गुलाम सदिक, अजय मेहता, पंकज मौर्या, संतोष महतो, राहुल कुमार, जीवन प्रकाश, सुनील चौधरी, वेद प्रकाश, सुनील मेहता, रंजन प्रसाद, तिलेश नायक, प्रभु उरांव सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे़
शिबू सोरेन ने कहा झामुमो की सरकार बनने पर लागू होगा 1932 का खतियान
मैथन : जिस उद्देश्य से झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुआ, वह आज तक पूरा नहीं हो पाया है. वर्तमान सरकार बाहरी लोगों को स्थानीय नीति बनाकर लाभ पहुंचा रही है. रघुवर सरकार ने 1932 के खतियान को दरकिनार करते हुए 1985 से राज्य में रहने वाले लोगों को झारखंडी बना दिया.
झामुमो की सरकार बनने पर 1932 के खतियान को कड़ाई से लागू किया जायेगा. मूल खतियानी ही झारखंडी हो सकते हैं. उक्त बातें बुधवार की शाम झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने मैथन चेयरमैन कैंप में कही. कहा कि छह से आठ मई तक मैथन में पार्टी का 11 वां केंद्रीय महाधिवेशन होगा. इसमें बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, बंगाल, ओड़िशा के अलावा अन्य प्रांतों से प्रतिनिधि भाग लेंगे.