बीजिंग : भारतीय रेलवे की स्पीड बढ़ाने के लिए चीन की मदद ली जायेगी. बेंगलुरु-चेन्नई रेल गलियारे पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए भारत ने चीन से मदद मांगी है. साथ ही आगरा और झांसी रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास में भी चीन से सहयोग लेने की बात चल रही है. एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच यहां आयोजित सामरिक आर्थिक वार्ता (एसइडी) में इस आशय के प्रस्ताव रखे गये.
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार नेरविवारको कहा, ‘हमने बेंगलुरु-चेन्नई रेल गलियारे पर रेल गाड़ियों की गति बढ़ाने की परियोजना चीन को देने की पेशकश की है.’ एसइडी की बैठक में कुमार और चीन के राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग (एनडीआरसी) के चेयरमैन ही लीफेंग की अध्यक्षता में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता हुई. इसमें उक्त गलियारे पर गाड़ियों की गति को बढ़ाकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक करने का प्रस्ताव रखा गया है.
अधिकारी ने कहा कि इससे पहले भारत ने आगरा और झांसी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए भी चीन के सामने प्रस्ताव रखा था, जिसे बैठक में दोहराया गया. प्रस्तावों पर विचार करने के बाद चीन अपनी प्रतिक्रिया देगा. कुमार ने कहा कि चीन को बताया गया है कि रेलवे स्टेशनों के विकास की बड़ी योजना है. इसमें 600 स्टेशन शामिल हो सकते हैं. वे इनमें से किसी के लिए भी बोली लगा सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि वार्ता के इस दौर में चीन के सहयोग से भारत में उच्च गति ट्रेनों के निर्माण को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. भारत में उच्च गति रेल गलियारे विकसित करनेकी चीन ने इच्छा जाहिर की है और नयी दिल्ली और चेन्नई उच्च गति रेल गलियारे के लिए व्यवहार्यता अध्ययन शुरू किया है. मुंबई-अहमदाबाद उच्चगति रेलगार्ग का ठेका जापान को मिला है. यह भारत का पहला बुलेट ट्रेन गलियारा होगा. चीन में कुल 22,000 किलोमीटर के हाई स्पीड गलियारे हैं.