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कोलकाता : सिंगल बेंच का स्थगनादेश बहाल, 16 को ही सुनवाई

कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के निर्देश को ही बहाल रखा. सिंगल बेंच के निर्देश को खारिज करने के लिए तृणमूल कांग्रेस व राज्य चुनाव आयोग ने हाइकोर्ट की खंडपीठ में मौखिक आवेदन किया था. इस पर हाइकोर्ट में चुनाव आयोग व तृणमूल कांग्रेस को औपचारिक […]

कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के निर्देश को ही बहाल रखा. सिंगल बेंच के निर्देश को खारिज करने के लिए तृणमूल कांग्रेस व राज्य चुनाव आयोग ने हाइकोर्ट की खंडपीठ में मौखिक आवेदन किया था.
इस पर हाइकोर्ट में चुनाव आयोग व तृणमूल कांग्रेस को औपचारिक याचिका दायर करने व मामले के सभी पक्षों को नोटिस भेजने को कहा. ऐसे में सोमवार को हाइकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसले पर ही पंचायत चुनाव का भविष्य निर्भर करता है.
डीएम व चुनाव अधिकारियों को चुनाव की प्रक्रिया स्थगित रखने का निर्देश : राज्य चुनाव आयोग की ओर से राज्य के प्रत्येक जिलों के डीएम और जिला पंचायत चुनाव अधिकारियों को अगले निर्देश दिये जाने तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया स्थगित रखने के निर्देश दिये गये हैं.
निर्देश के तहत चुनाव अधिकारियों को किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण भी नहीं दिया जायेगा. गौरतलब है कि गत गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक अंतरिम रोक लगा दी है.
गुरुवार को पंचायत चुनाव पर कोर्ट ने लगायी थी रोक : उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार ने स्थगनादेश दिया था. न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार के निर्देश को चुनौती देते हुए शुक्रवार को न्यायाधीश विश्वनाथ समाद्दार की खंडपीठ में त्वरित सुनवाई के लिए मौखिक आवेदन राज्य चुनाव आयोग व तृणमूल कांग्रेस ने किया.
क्या कहा तृणमूल के सांसद ने :
तृणमूल कांग्रेस की ओर से सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने कहा कि सिंगल बेंच ने जो निर्देश दिया है, उससे काफी नुकसान होने की आशंका है. चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. चुनाव प्रक्रिया शुरू होने पर अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती.
इस संबंध में आयोग और तृणमूल की त्वरित सुनवाई के आवेदन को खारिज कर खंडपीठ ने कहा कि अदालत के नियम के मुताबिक ही आवेदन करना होगा. मामला दाखिल करने की अनुमति खंडपीठ ने दी, लेकिन कल्याण बंद्योपाध्याय ने कहा कि मामला महत्वपूर्ण है. उनका यह भी कहना था कि गुरुवार शाम छह बजे के बाद सिंगल बेंच के ऑर्डर की कॉपी उन्हें मिली है. इसलिए मामला दाखिल नहीं किया जा सका.
क्या कहा खंडपीठ ने :
इस संबंध में खंडपीठ का कहना था कि अदालत का एक नियम है. उसकी निश्चित पद्धति है. एक दिन के लिए इतने दिनों के नियम को हटाया नहीं जा सकता है.
चुनाव आयोग के प्रतिनिधि के तौर पर अदालत में मुख्य सचिव नीलांजन शांडिल्य मौजूद थे. न्यायाधीशों ने उनसे जानना चाहा कि राज्य चुनाव आयोग ने कोई याचिका दाखिल की है या नहीं. आयोग की ओर से श्री शांडिल्य ने कहा कि याचिका दाखिल नहीं की गयी है. चुनाव आयोग की भूमिका पर अदालत ने आश्चर्य प्रकट किया. साथ ही तृणमूल व आयोग को अलग से मामला दाखिल करके मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस भेजने की बात खंडपीठ ने कही. साथ ही आयोग व तृणमूल कांग्रेस को मामला करने की अनुमति भी अदालत ने दी.
सिंगल बेंच में मामले का पक्ष लेनेवाले सभी दलों को व्यक्तिगत तौर पर नोटिस भेजने के लिए भी कहा, ताकि वह मामले में शामिल हो सकें. लिहाजा खंडपीठ के इस निर्देश से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 16 अप्रैल तक थम गयी है. गुरुवार को सिंगल बेंच ने प्रक्रिया पर अंतरिम स्थगनादेश लगाया था. इधर, सिंगल बेंच के मुख्य मामले में पक्षकार बनने के लिए भाकपा की ओर से आवेदन किया गया है.

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