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झारखंड : पीएम से संवाद को लेकर अलर्ट थे सांसद व विधायक
टेली-ब्रिज टेक्नोलॉजी : जनप्रतिनिधियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने इस तकनीक की विशेषता भी बतायी सीएम का था निर्देश विधायक मोबाइल पर उपलब्ध रहें, मुख्य सचेतक ने सबको भेजा था मैसेज रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पार्टी के सांसद-विधायकों से संवाद का कार्यक्रम निर्धारित था़ 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री के साथ चयनित सांसद-विधायकों […]
टेली-ब्रिज टेक्नोलॉजी : जनप्रतिनिधियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने इस तकनीक की विशेषता भी बतायी
सीएम का था निर्देश
विधायक मोबाइल पर उपलब्ध रहें, मुख्य सचेतक ने सबको भेजा था मैसेज
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पार्टी के सांसद-विधायकों से संवाद का कार्यक्रम निर्धारित था़ 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री के साथ चयनित सांसद-विधायकों की फोन पर बात होनी थी़ इसके लिए तैयारी पहले से की जा रही थी़ प्रधानमंत्री के साथ संवाद को लेकर सांसद-विधायक अलर्ट थे़ सांसद- विधायकों को सख्त निर्देश था कि दिन के 11 बजे से 12 बजे तक नेटवर्क एरिया में रहे़ं मोबाइल साथ रखने को कहा गया था़
इधर, मुख्यमंत्री रघुवर दास भी कार्यक्रम को लेकर गंभीर थे़ उन्होंने भी सांसद-विधायकों को निर्देश दिया था कि किसी से कोई चूक न हो़ मोबाइल पर उपलब्ध रहे़ं पार्टी के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने भी पार्टी के सभी विधायकों को मैसेज भेजा था़ पीएम ने देश भर के सांसद-विधायकों से टेली-ब्रिज टेक्नोलॉजी से एक साथ बात की़ इसमें चयनित लोगों का काॅल एक-एक कर मर्ज किया गया़ संवाद के दौरान पीएम ने इस तकनीक की विशेषता भी बतायी. उन्होंने यह भी कहा कि वे वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी से एक साथ बात करेंगे़
11़ 15 में आया फोन, 45 मिनट की बात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन सांसद और विधायकों को करीब 11़ 15 बजे दिन में आया़ उन्होंने जनप्रतिनिधियों से 45 मिनट बात की़ इस दौरान विकास और भावी योजनाओं पर चर्चा हुई़ संवाद के दौरान कार्यक्रम को विस्तारपूर्वक बताया़
जनप्रतिनिधियों ने बातचीत में मांगे दिशा-निर्देश : नरेंद्र मोदी से संवाद के क्रम में अलग-अलग प्रदेश के कई सांसद और विधायकों ने दिशा-निर्देश भी मांगे़ बीजापुर के विधायक ने कहा कि किसानों की आय कैसे दोगुनी की जाये़
प्रधानमंत्री का कहना था कि किसानों को सशक्त, सबल बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही है़ं किसानों को जागरूक बनाना भी जरूरी है़ किसान उत्पादकता बढ़ाने के लिए कम जमीन में अधिक लागत कर देते है़ं जरूरत से ज्यादा उर्वरक डाले जाते है़ं कम लागत में उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम होना चाहिए़ झारखंड से किसी सांसद या विधायक ने किसी तरह का सुझाव नहीं मांगा़
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