गोल्ड कोस्ट : भारतीय महिला हॉकी टीम भले ही शानदार वापसी करने के बाद आत्मविश्वास से भरी हो लेकिन बुधवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में उसे दुनिया की पांचवें नंबर की और खिताब की प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया की कड़ी चुनौती से निपटना होगा.
टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में वेल्स के खिलाफ 2-3 से हार के बाद लगातार तीन जीत ने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया. भारतीय आक्रमण अभी तक टूर्नामेंट में शानदार रहा है, उन्होंने नौ गोल दागे हैं जिसमें कप्तान रानी रामपाल ने तीन मौकों पर गोल किया लेकिन चिंता की बात यह है कि वे अच्छे प्रयास के बावजूद उन्हें गोल में तब्दील नहीं कर सकी हैं.उनके नौ गोल कुल 48 प्रयासों के बाद हुए हैं.
कप्तान रानी रामपाल ने एकमात्र गोल पूल ए के अंतिम मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी टीम की 1-0 की जीत में किया. उन्होंने भी स्वीकार किया कि उन्हें सुधार की जरूरत है. कप्तान ने कहा, हम मजबूत टीमों के खिलाफ भी आक्रामक हॉकी खेल रहे हैं, इसलिये हमारे लिये यह सुनिश्चित करना अहम होगा कि हम मौकों का फायदा उठाये.
हमें यह निश्चित करने की जरूरत है कि हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रभावशाली रहें क्योंकि हमें ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे क्योंकि उनकी टीम भी काफी मजबूत है. रानी ने सेमीफाइनल में मेजबानों का सामना करने के बारे में कहा, ऑस्ट्रेलिया की टीम काफी मजबूत है और वे घरेलू मैदान पर खेल रहे हैं तो यह आसान नहीं होगा.लेकिन हमें खुद पर भरोसा है और हम अपने देश के लिये पिच पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. मुख्य कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि टीम को स्वर्ण पदक जीतने के लिये सुधार करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, टीम अच्छा प्रदर्शन करने के लिये बेताब है और हर दिन सुधार करना चाहती है. कुछ ऐसी जगह हैं जहां हमने देखा कि हमें सुधार की जरूरत है और हमने इन पर ध्यान भी दिया है. लेकिन अहम है कि हम रणनीति पर अडिग रहें और सभी क्षेत्रों में अनुशासित रहें.