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दबंग कैदियों ने रंगदारी नहीं देने पर शराब पीने के आरोपित कैदी को जेल में पीट-पीट कर मार डाला

कटिहार : स्थानीय मंडल कारा में बंद अभियुक्त की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा. मृत कैदी के परिजनों ने सड़क जाम कर आगजनी की. परिजनों का आरोप है कि जेल में प्रताड़ना के कारण मौत हुई है. साथ ही परिजनों ने रंगदारी मांगे जाने का भी आरोप लगाया है. वहीं, मृत कैदी […]

कटिहार : स्थानीय मंडल कारा में बंद अभियुक्त की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा. मृत कैदी के परिजनों ने सड़क जाम कर आगजनी की. परिजनों का आरोप है कि जेल में प्रताड़ना के कारण मौत हुई है. साथ ही परिजनों ने रंगदारी मांगे जाने का भी आरोप लगाया है. वहीं, मृत कैदी के परिजनों को रविवार की सुबह सूचना मिली कि गंभीर स्थिति में कैदी को अस्पताल में भरती कराया गया है. लेकिन, परिजनों के अस्पताल पहुंचने पर कैदी को मृत पा कर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा.

परिजनों का आरोप है कि जेल के दबंग कैदी उससे पांच हजार रुपये रंगदारी मांगे रहे थे. रंगदारी नहीं देने पर शनिवार रात उसकी इतनी पिटाई की गयी और प्रताड़ित किया गया कि उसकी मौत हो गयी. रविवार सुबह जेल पुलिस कैदी की मौत होने के बाद शव को सदर अस्पताल पहुंचा कर फरार हो गयी. घटना की जानकारी मिलते ही परिजन सदर अस्पताल पहुंचे तथा कारा कर्मियों पर हत्या का आरोप लगा कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा करने लगे. इसके बाद परिजन मंडल कारा के समीप पहुंचे तथा कटिहार-गेड़ाबाड़ी मुख्य मार्ग पर आगजनी करते हुए जाम कर दिया. इससे घंटों यातायात बाधित रहा. मामले की जानकारी मिलते ही कटिहार एसडीपीओ, एसडीओ सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन परिजन टस-से-मस नहीं हुए. इसके बाद डीएम मौके पर पहुंचे तथा आक्रोशित परिजनों को आश्वासन दिया कि आरोपित पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी. इसके बाद शाम पांच बजे लोगों ने सड़क जाम हटाया. जानकारी के अनुसार, देवेंद्र कुमार सिंह (32) पिता स्व लखन देव सिंह रौतारा चांपी निवासी को मुफस्सिल पुलिस ने गत बुधवार को भसना व दलन के बीच से शराब के नशे में गिरफ्तार किया था. मेडिकल जांच कराने के बाद पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

परिजनों ने पांच हजार रुपये रंगदारी मांगे जाने का लगाया आरोप

देवेंद्र कुमार सिंह को मंडल कारा के वार्ड संख्या 24 में रखा गया था. मृत देवेंद्र के भाई पंकज सिंह ने बताया कि वह तीन दिनों से अपने भाई से मिलने के लिए जेल जा रहा था, लेकिन उसे भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा था. जेल गेट पर घंटों खड़ा रह कर वह लौट जा रहा था. जेल गेट पर कारा कर्मी कहते थे कि कैदी बढ़िया से है. उन्होंने ने कारा प्रशासन पर आरोप लगाया कि दो दिनों से उसके मोबाइल तथा उसकी भाभी के मोबाइल पर मंडल कारा से फोन आ रहा था और पांच हजार रुपये रंगदारी मांगी जा रही थी. पंकज ने बताया कि गेट पर जब भी अपने भाई से मुलाकात करने जाता, तो वहां तैनात सुरक्षा कर्मी देवेंद्र से मिलाने और जेल में उसकी समुचित देखभाल के लिए कोई पांच हजार, तो कोई पांच सौ तो कोई दो सौ रुपये मांग रहे थे. रुपये नहीं दिये जाने पर कारा कर्मियों ने गेट पर मुलाकात भी करने नहीं दिया. आठ अप्रैल की सुबह सूचना मिली की देवेंद्र को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल में भरती कराया गया है. परिजन जैसे ही सदर अस्पताल पहुंचे तो देवेंद्र को मृत पाया. सदर अस्पताल में देवेंद्र के शव को देख कर परिजन आक्रोशित हो उठे तथा कारा कर्मियों से पूछताछ करने लगे कि इसकी हत्या क्यों की. इस बात को लेकर परिजन कारा कर्मी से ही उलझ गये. खतरे को भांप कारा कर्मी वहां से निकलते बने. घटना की जानकारी मिलते ही नगर थाना पुलिस सदर अस्पताल पहुंची.

जेल गेट के समीप परिजन बैठे धरने पर सड़क जाम

मृत देवेंद्र की जेल में संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत पर परिजनों ने कारा प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाते हुए मंडल कारा के समीप आगजनी करते हुए कटिहार-कोढ़ा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और धरने पर बैठ गये. सूचना मिलते ही एसडीपीओ लाल बाबू यादव, एसडीओ नीरज कुमार सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. परिजन कारा अधीक्षक की बर्खास्तगी, 20 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर घंटों मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया. बाद में एमएलसी अशोक अग्रवाल, डीएम मिथिलेश मिश्र, एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन मौके पर पहुंचे तथा पीड़ित परिवार को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद लोगों ने सड़क जाम को हटाया.

क्या कहते हैं अधिकारी

रविवार को कैदी की स्थिति बिगड़ी. उसे कारा स्वास्थ्य केंद्र में भरती कराया गया. तब कारा में तैनात डॉ राजीव गुप्ता ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. उनके निर्देश पर देवेंद्र को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया है.

सुजीत झा, सुपरिटेंडेंट, मंडल कारा, कटिहार

पीड़ित परिजन के लिखित बयान के आधार पर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच करायी जायेगी. इसमें जो भी अधिकारी व कर्मी दोषी होंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. पीड़ित पक्ष से वार्ता की जायेगी. उनके स्तर से हर संभव सहायता पीड़ित परिवार को दी जायेगी.

मिथिलेश मिश्र, जिलाधिकारी, कटिहार

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