जोधपुर : अपने ही आश्रम की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में पिछले पांच साल से बंद आसाराम के मामले में सुनवाई पूरी हो गयी है. इस मामले में एससी/एसटी कार्ट 25 अप्रैल को फैसला सुनाएगा. यह मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में रहनेवाली पीड़िता से जुड़ा है.
वर्ष 2013 में शाहजहांपुर की 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार किये जाने का आरोप लगाया था. दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 अगस्त को अदालती कार्यवाही में विलंब पर सवाल उठाया था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि कार्यवाही में अनावश्यक रूप से विलंब हुआ और अभियोजन पक्ष के गवाहों पर हमले किये जा रहे हैं, जिसकी वजह से दो गवाहों की मौत भी हुई है. आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद हैं.
शाहजहांपुर की पीड़िता के जिस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है, उस परिवार को आसाराम समर्थकों द्वारा परेशान करने और धमकाने की बात भी कई बार सामने आ चुकी है. इसके अलावा मामले में दो गवाहों की हत्या भी हो चुकी है. पीड़िता के परिवार को पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया करायी गयी थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज मामलों में आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था. सूरत में भी दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बंधक बनाने और रेप का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.