नयी दिल्ली: लोकसभा की बैठक आज अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दीगयी. इसके लिए राज्यसभा भी स्थगित हो गयी.इस तरह संसद का बजट सत्र संपन्न हो गया. बजट सत्र के दौरान लोकसभा कीकुल 29 बैठकें हुई जो 34 घंटे औरपांच मिनट चली. बजट सत्र का दूसरा चरण विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण हंगामे की भेंट चढ़ गया. एनडीए से अलग हुर्इ चंद्रबाबू नायडू की तेलगुदेशम पार्टी, वाइएसआर कांग्रेस आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सदन में हंगामा करते रहे. वे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का भी प्रयास करते रहे. वहीं, अन्नाद्रमुक ने भी सदन के संचालन में व्यवधान उत्पन्न किया. बजट सत्र के आखिरी दिन आते-आते भाजपा व मुख्य विपक्ष कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गये.
कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह जान-बूझकर सदन में विधेयक नहीं पारित कराना चाहती है, वहीं संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष के हंगामे का विरोध जताने के लिए भाजपा सांसद इस अवधि का अपना वेतन नहीं लेंगे. अंत में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि मंत्री सदन में झूठ बोल रहे हैं.
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बजट सत्र का लेखा-जोखा
इस दौरान बजट सत्र के पहले भाग मेंसात बैठकें और दूसरे भाग में 22 बैठकें हुई. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट पर 7 और 8 फरवरी 2018 को चर्चा हुई. यह 12 घंटे 13 मिनट तक चली.नौ फरवरी को सभा स्थगित कीगयी ताकि स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों, विभागों के अनुदान की मांगों की जांच कर सके और उन पर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकें. उन्होंने कहा कि सत्र का दूसरा भागपांच मार्च को प्रारंभ हुआ.
इस दौरान बजट के संबंध में रेल सहित सभी मंत्रालयों के अनुदान की मांगों को सभा में मतदान के लिए रखा गया और 14 मार्च को ये पूरी स्वीकृत हुई तथा विनियोग विधेयक पारित किया गया. इस बजट सत्र के पहले चरण की बैठक 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आरंभ हुई थी जो नौ फरवरी तक चली. सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च को आरंभ हुआ और आज इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस बार वित्त विधेयक भी सदन में बिना पूरी चर्चा के पारित हुआ था.
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