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कोलकाता : मुकुल का एसिड टेस्ट होगा पंचायत चुनाव

नवीन कुमार राय कोलकाता : पंचायत चुनाव से पहले शुरू हुई राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस माहौल के बीच नामांकन पत्र दाखिल करने में भाजपा दूसरे स्थान पर है. यह पंचायत चुनाव भाजपा के मुकुल राय के लिए एसिड टेस्ट साबित होगा, क्योंकि खुद पार्टी में ही उनके लिए चुनौतियां […]

नवीन कुमार राय
कोलकाता : पंचायत चुनाव से पहले शुरू हुई राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस माहौल के बीच नामांकन पत्र दाखिल करने में भाजपा दूसरे स्थान पर है. यह पंचायत चुनाव भाजपा के मुकुल राय के लिए एसिड टेस्ट साबित होगा, क्योंकि खुद पार्टी में ही उनके लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं.
गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी मुकुल राय को ही दे रखी है. भाजपा में शामिल होने के पहले मुकुल राय ने भरोसा दिया था कि राज्य के 77 हजार बूथों में से प्रत्येक बूथ पर उनके दो आदमी हैं.
लिहाजा भाजपा को लगा था कि इस बार पार्टी को उम्मीदवार का संकट नहीं रहेगा. इसके अलावा, मुकुल के वोट मैजिक की बात कही जा रही थी. लेकिन जिस तरह से पार्टी के अंदर मुकुल राय के खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व के पास शिकायतें जा रही हैं, उससे उनकी मुश्किलें उम्मीद के मुताबिक नतीजा नहीं लाने पर बढ़ जायेंगी.
भाजपा ने पंचायत चुनाव को लेकर पूरी कमान मुकुल को दे रखी है. इस मामले में खुद पार्टी अध्यक्ष तक कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. लेकिन जिस तरह से भाजपा के कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर हमले हो रहे हैं, उसे लेकर पार्टी में चिंता है.
अपुष्ट खबरों के अनुसार प्रदेश भाजपा के सात जिलों के नेताओं ने दिल्ली को जो खबर भेजी है, उससे मुकुल राय की चिंता और बढ़ गयी है.
इसमें कहा गया है कि सभी सीटों पर उम्मीदवार देना संभव नहीं हो रहा है, क्योंकि चुनाव कमेटी के चेयरमैन को बार-बार जिले में बुलाने के बाद भी वह नहीं आ रहे हैं. कुछ जगहों पर जिला नेतृत्व को अस्वीकार करते हुए माकपा और तृणमूल कांग्रेस के लोग खुद को उम्मीदवार के रूप में पेश कर रहे हैं. विरोध करने पर वे खुद को मुकुल राय का आदमी बता रहे हैं.
इससे जिला के नेता परेशान हैं. इतने दिनों तक जो भाजपा के साथ थे, वे चर्चित चेहरे पार्टी के अंदर उपेक्षित हो रहे हैं. अपमानित हो रहे हैं. उम्मीदवारों का संकट कैसे दूर होगा, इस बारे में प्रदेश के नेता या पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी संभालनेवाले नेता कोई दिशा-निर्देश नहीं दे रहे हैं.
भाजपा के अंदरखाने की खबर है कि इस तरह की रिपोर्ट पाने के बाद दिल्ली नेतृत्व ने मुकुल राय से उनके दावे के मुताबिक 77 हजार बूथों पर उनके आदमियों की सूची मांगी है, ताकि जरूरत पड़ने पर दिल्ली उनसे सीधा संपर्क कर सके.
फिलहाल 58,692 बूथों पर चुनाव हो रहा है. इसमें 48,650 ग्राम पंचायत, 9,217 पंचायत समिति व 825 जिला परिषद की सीटें हैं. चुनाव तीन तरणों में हो रहा है. लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय भाजपा काफी सतर्क हो गयी है.
ऐसे में मुकुल राय के लिए पंचायत चुनाव एसिड टेस्ट हो गया है. किसी भी कीमत पर उन्हें खुद को साबित करना होगा. इधर, प्रदेश भाजपा में नये और पुराने भाजपाइयों को लेकर संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में सभी की नजरें मुकुल राय पर टिकी हुई हैं.

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