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कोलकाता : मॉनसून के पहले सभी नहर व लघु बांधों की होगी मरम्मत

राज्य सरकार ने बांधों की मरम्मत के लिए 1,008.5 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं माॅनसून में बाढ़ से बचने का हो रहा उपाय कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने मानसून के पहले राज्य के सभी नहर व लघु बांधों की मरम्मत करने की योजना बनायी है. इस योजना के तहत सिंचाई के लिए प्रयोग किये […]

राज्य सरकार ने बांधों की मरम्मत के लिए 1,008.5 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं
माॅनसून में बाढ़ से बचने का हो रहा उपाय
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने मानसून के पहले राज्य के सभी नहर व लघु बांधों की मरम्मत करने की योजना बनायी है. इस योजना के तहत सिंचाई के लिए प्रयोग किये जानेवाले सभी नहर, लघु बांधों की मरम्मत होगी, जिससे मानसून में कहीं भी किसी प्रकार के बाढ़ की समस्या पैदा ना हो सके. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य सरकार द्वारा आवंटित की गयी राशि से ही इसकी मरम्मत की जायेगी. राज्य सरकार ने इस वर्ष 1,008.5 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. जानकारी के अनुसार, गंगा व पद्मा नदी पर बांधों की मरम्मत का जिम्मा केंद्र सरकार के पास है. लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में कोई कार्य नहीं कर रही और ना ही कोई राशि आवंटित की है.
राज्य में कई जगहों पर गंगा व पद्मा नदी में बांधों की अवस्था काफी जर्जर है. इन सभी बांधों की मरम्मत राज्य सरकार का सिंचाई विभाग करेगा. सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विभिन्न जाेन के अनुसार नहर व लघु बांधों की मरम्मत की जायेगी.
जलजमाव से मुक्ति के लिए बनेंगे लिफ्टिंग स्टेशन
कोलकाता : बारिश के दौरान महानगर में होने वाले जलजमाव की स्थिति को दूर करने के लिए कोलकाता नगर निगम ने कमर कस ली है. बुधवार को कोलकाता नगर निगम के (निकासी विभाग) एमएमआइसी तारक सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि दल ने निमतल्ला घाट संलग्न लॉकगेट इलाके का दौरा किया. मौके पर उन्होंने कहा कि लॉक गेट समेत कई इलाकों का जायजा लेकर देखा जा रहा है,
ऐसे जगहों पर लिफटिंग स्टेशन बनाये जायेंगे, जो मुख्य रूप से बारिश के दौरान महानगर में जल लगने पर उन जलों को लिफ्टिंग के जरिये गंगा में प्रवाह किया जा सके. गंगा में जल का स्तर बढ़ने पर लॉक गेट बंद कर दिया जाता है, ताकि गंगा के जल का स्तर शहर में बाढ़ और जलमग्न की स्थिति पैदा न कर सके और साथ ही शहर में बारिश से जलमग्न की स्थिति होने पर लॉक गेट को खोल कर पानी के प्रवाह की कोशिश की जाती है, लेकिन गंगा का जल स्तर नीचे रहने के बावजूद शहर का जलमग्न पानी को विलय करने में दिक्कतें होती हैं, यह नहीं हो पाता है, जिस कारण से इसे ध्यान में रखते हुए लिफ्टिंग स्टेशन बनाने का सिद्धांत लिया गया है. इस लिफ्टिंग स्टेशन के जरिये पानी को उपर से गंगा में विलय कर दिया जायेगा.
यह मुख्य रूप से शहर के जल जहां-जहां से गंगा में नाले अथवा कैनाल के जरिये मिलते है, वहां-वहां लिफ्टिंग स्टेशन बनाया जायेगा. इसे लेकर और भी जगहों का दौरा कर जायजा लिया जायेगा.

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