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….जब झारखंड हाइकोर्ट ने किया सवाल, कहा, राजधानी में पुलिस तो दिख रही है, पर उसका असर नहीं दिख रहा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में बढ़ती अराजकता के खिलाफ पुलिस को अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश दिया. कहा कि असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए पुलिस को आैर अधिक सतर्क होने की जरूरत है. मंगलवार को फर्जी नक्सली सरेंडर मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उक्त टिप्पणी […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में बढ़ती अराजकता के खिलाफ पुलिस को अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश दिया. कहा कि असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए पुलिस को आैर अधिक सतर्क होने की जरूरत है.
मंगलवार को फर्जी नक्सली सरेंडर मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की है. भारत बंद के दाैरान पुलिस व बंद समर्थकों के बीच हुए संघर्ष में सिटी एसपी अमन कुमार सहित कई लोग घायल हो गये थे. जनहित याचिका पर सुनवाई के दाैरान सिटी एसपी अमन कुमार कोर्ट में उपस्थित थे.
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि शहर में अधिक संख्या में पुलिस की तैनाती तो दिखाई दे रही है, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख रहा है. अपराधों में कोई कमी नहीं आ रही है. कहा कि एक सामान्य धारणा है कि पुलिस अपनी नौकरी ठीक से नहीं कर रही है. खंडपीठ ने कहा कि जब भी कोई अवसर होता है अथवा जब चुनाव का समय आता है, असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं. चुनावों के मद्देनजर हत्या सहित अन्य अपराधों में अचानक बढ़ोतरी हो जाती है.
वैसी परिस्थिति में पुलिस को असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए. खंडपीठ ने सुझाव देते हुए कहा कि शहर के रणनीतिक स्थलों पर बैरिकेडिंग लगाने की जरूरत है, ताकि पुलिस असामाजिक तत्वों के वाहनों की जांच कर सके. काला शीशा लगे वाहनों की सघन जांच की जानी चाहिए.
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