-किडनी दान करने के लिए पहुंचा तो कोलकाता के अस्पताल ने बता दिया एचआइवी पॉजिटिव
एक व्यक्ति की मदद से उसे पता चला कि अस्पताल ने गलती की और वह एचआइवी पॉजिटिव नहीं है. कोलकाता में रहने वाले पीड़ित का नाम स्वपन साहू (बदला हुआ नाम) है. वह अपनी एक किडनी दान करना चाहता था. एक अखबार में छपे विज्ञापन को देखने के बाद उसने जरूरतमंद को किडनी देने का फैसला किया. जब स्वपन इसके लिए अस्पताल गये और उनकी जांच की गयी, तो सामने आया सच किसी सदमे से कम नहीं था. अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें एचआइवी पॉजिटिव पाया गया था. इस खबर के बाद वह बुरी तरह टूट गये.
स्वपन परिवार और दोस्तों से भी दूर हो गये और एक दिन उन्होंने आत्महत्या तक करने की सोची. बुरे वक्त में उनके घर के पास रहने वाले दोस्त ने उनकी मदद की. स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन और अलीपुर के एक निजी अस्पताल में फिर से उन्होंने जांच करवायी. दोनों ही जगह उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी और पता चला कि उन्हें एचआइवी नहीं है. स्वपन इसके बाद निजी अस्पताल के खिलाफ न्याय के लिए उपभोक्ता फोरम पहुंचे. फोरम के न्यायमूर्ति ईश्वरचंद्र दास और तारापड़ा गांगुली की पीठ ने अस्पताल को गलत रिपोर्ट देने के लिए स्वपन को 1 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति के तौर पर देने का आदेश दिया है. स्वपन ने कहा कि वह फिर से शुरुआत करना चाहते हैं और खुलकर जीना चाहते हैं.