नयी दिल्ली/ मुंबई : बीसीसीआई पर एक बार फिर पैसों की बरसात होना तय है क्योंकि स्टार, सोनी और जियो के बीच प्रतिस्पर्धी बोलियों के कारण भारत की घरेलू द्विपक्षीय शृंखलाओं के लिए वैश्विक समग्र मीडिया अधिकार( जीसीआर) हासिल करने की बोली बोर्ड की पहली ई- नीलामी के पहले दिन के अंत तक 4442 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
यह मौजूदा बोली स्टार टीवी की 2012 की रिकार्ड 3851 करोड़ रुपये की बोली से पहले ही 15 प्रतिशत अधिक हो चुकी है. जीसीआर में अगले पांच साल में भारत के सभी 102 मैचों ( तीनों प्रारुपों में) के वैश्विक टीवी प्रसारण अधिकार के अलावा डिजिटल अधिकार भी शामिल हैं. पहली सबसे बड़ी जीसीआर बोली 4176 करोड़ थी जिसमें बाद में 25-25 करोड़ का इजाफा हुआ.
कुछ शीर्ष बोलियां 4201.20 करोड़, 4244 करोड़, 4303 करोड़ और 4328.25 करोड़ रुपये रही. ई- नीलामी कल सुबह 11 बजे शुरू होगी और नियम के अनुसार बोली लगाने वाले के अलावा किसी को यह पता नहीं होगा कि शीर्ष बोली किसकी है.
सभी तीन बोली लगाने वाली कंपनियां उन्हें दी गई अलग लाग- इन आईडी के साथ बोली लगा रही हैं. सिर्फ तीन कंपनियों स्टार, सोनी और जियो ने तकनीकी बोली सौंपी और फेसबुक, गूगल और यप टीवी जैसी कंपनियां बोली जीतने वाली कंपनी के साथ बाद में समूह बना सकती हैं.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, स्टार के पास उसका अपना डिजिटल मंच हाटस्टार है, उनके फेसबुक या हाटस्टार के साथ साझेदारी की संभावना नहीं है. लेकिन आप कुछ नहीं कह सकते अगर सोनी इन दोनों में से किसी के साथ समूह बना ले. गूगल के पास यूट्यूब है. लेकिन एक बार फिर यह साबित हो गया कि भारत में क्रिकेट बिकता है और कई बार अनुकूल प्रचार नहीं होने के बावजूद भारतीय क्रिकेट पैसा बना लेता है.
उन्होंने कहा, हालांकि अब यह साबित हो गया है कि कोई भी बोली लगाने वाली कंपनी जीसीआर के लिए ही बोली लगाएगी क्योंकि वे टुकड़ों में चीजें नहीं चाहते. स्टार ने आईपीएल की 16347 करोड़ रुपये की बोली के दौरान यह दिखाया. यहां भी जीसीआर ने व्यक्तिगत वर्ग की कीमतों को पीछे छोड़ दिया है.
बीसीसीआई तीन विशिष्ट वर्ग में मीडिया अधिकार बेच रहा है जिसमें वैश्विक टीवी अधिकार के साथ शेष विश्व डिजिटल अधिकार पैकेज, भारतीय उपमहाद्वीप डिजिटल अधिकार पैकेज और वैश्विक समग्र अधिकार पैकेज शामिल हैं.
आगामी 2018-19 सत्र के वैश्विक टीवी अधिकार एवं शेष विश्व डिजिटल अधिकार पैकेज में प्रत्येक मैच की बोली35 करोड़ से शुरू हुई जबकि भारतीय उपमहाद्वीप डिजिटल अधिकार पैकेज की बोली आठ करोड़ जबकि वैश्विक समग्र अधिकार की बोली 43 करोड़ रुपये से शुरू हुई.