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मरीज खुद ही रहें सतर्क नहीं तो जान ले लेगा हॉस्पिटल का खाना

भागलपुर : एमसीआइ के संविधान में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में डायटिशियन की तैनाती होनी चाहिए, ताकि हॉस्पिटल में इलाजरत मरीज को उसकी बीमारी के अनुसार भोजन दिया जा सके. लेकिन यहां पर स्थिति पूरी तरह से उलट है. यहां पर भर्ती मरीजों को एक समान मीनू के अनुसार ही भोजन परोसा […]

भागलपुर : एमसीआइ के संविधान में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में डायटिशियन की तैनाती होनी चाहिए, ताकि हॉस्पिटल में इलाजरत मरीज को उसकी बीमारी के अनुसार भोजन दिया जा सके. लेकिन यहां पर स्थिति पूरी तरह से उलट है. यहां पर भर्ती मरीजों को एक समान मीनू के अनुसार ही भोजन परोसा जा रहा है. ऐसे में आप अगर मायागंज हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे हैं तो आप जरा अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जायें. मायागंज हॉस्पिटल में मिल रहे भोजन को खाने से पहले जरा अपनी बीमारी एवं इसमें किये जाने वाले परहेज को जान लीजिए. ताकि आप जान सके कि मायागंज हॉस्पिटल में आपको मिल रहा खाना आपकी सेहत के लिए लाभदायक है या खतरनाक.

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं बनाया नार्म्स, प्रस्ताव फाइलों में गुम : दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पड़ोसी राज्य झारखंड तक में हर सरकारी हॉस्पिटल में डायटिशियन की नियुक्ति की गयी है. इनका काम मरीज के रोग के अनुसार, उनके लिए डायट चार्ट बनाना है. लेकिन मायागंज हॉस्पिटल में इलाजरत 700 से अधिक मरीज पर एक भी डायटिशियन नहीं है. जैसे शुगर के मरीजों को शुक्रोज, ग्लूकोज व फ्रूक्टोज वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना होता है. लेकिन मायागंज हॉस्पिटल में भर्ती शुगर के मरीज धड़ल्ले से चावल, आलू की सब्जी, ब्रेड-बटर खाते हैं. हां जो जागरूक होते हैं, उनके परिजन खुद ही डॉक्टर से पूछ लेते हैं कि उसे क्या खाना है

आैर क्या नहीं. इसी तरह दिल, किडनी के बीमार को भी खाने में कुछ डिश से परहेज करना होता है. लेकिन उन्हें मालूम न होने के कारण हॉस्पिटल में जो भी भोेजन मिलता है उसी को खा लेते हैं. ऐसे में डायटिशियन की नियुक्ति जरूरी है. डायटिशियन की नियुक्ति के लिए ऐसा नहीं है कि पहल नहीं की गयी.

कहते हैं जिम्मेवार : मायागंज हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल बताते हैं कि यहां पर डायटिशियन की नियुक्ति के लिए करीब एक दर्जन पत्र लिखा गया. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस पद पर नियुक्ति के लिए कोई नार्म्स ही आज तक नहीं बन सका. जिससे डायटिशियन की नियुक्ति प्रक्रिया ही नहीं शुरू हो सकी.

सभी सरकारी हॉस्पिटलों में अब एक अप्रैल से मिलेगी शुगर व गठिया की दवा : मायागंज हॉस्पिटल समेत सभी जिला व प्रखंड अस्पतालों में अब एक अप्रैल से मधुमेह और गठिया रोग की दवा मरीजों को मिलेगी. इस बीमारियों की दवा हॉस्पिटलों को उपलब्ध करा दी गयी है. इसके अलावा में उपलब्ध दवाओं की संख्या में भी इजाफा किया गया है.

जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि मायागंज हॉस्पिटल में अब कुल मिला कर 215 तरह की दवाइयां मरीजों के लिए उपलब्ध होगी. ओपीडी में 65 की जगह 76, इंडोर में 113 प्रकार की दवा उपलब्ध रहेगी. ऑपरेशन थियेटर में 36 और 37 तरह के मेडिकल स्ट्रूमेंट अतिरिक्त रहेगा. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार के मुताबिक, एक अप्रैल से सदर हॉस्पिटल के ओपीडी में 71, इंडोर में 96, अनुमंडलीय हॉस्पिटल के ओपीडी में 58, इंडोर में 65, रेफरल हॉस्पिटल के ओपीडी में 55, इंडोर में पांच जबकि पीएचसी के ओपीडी में 50 व इंडोर में 34 प्रकार की दवा उपलब्ध रहेगी.

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