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नमो के रहते कोई छीन नहीं सकता SC-ST के आरक्षण का अधिकार : सुशील मोदी

पटना : नरेंद्र मोदी जब तक प्रधानमंत्री हैं और देश में भाजपा की सरकार है, तब तक दुनिया की कोई भी ताकत एससी, एसटी के संविधान प्रदत आरक्षण के अधिकार को छीन नहीं सकती है. केंद्र की सरकार एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश के खिलाफ अगले सप्ताह […]

पटना : नरेंद्र मोदी जब तक प्रधानमंत्री हैं और देश में भाजपा की सरकार है, तब तक दुनिया की कोई भी ताकत एससी, एसटी के संविधान प्रदत आरक्षण के अधिकार को छीन नहीं सकती है. केंद्र की सरकार एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश के खिलाफ अगले सप्ताह पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी. भाजपा जहां एससी, एसटी को क्रीमी लेयर के दायरे में लाने का विरोधी है. वहीं, प्रोन्नति में आरक्षण, अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का हिमायती है. बाबा साहब के नाम के साथ कहीं कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है, बल्कि संविधान की मूल प्रति पर स्वयं उन्होंने जो अपना नाम लिखा है, उत्तर प्रदेश की सरकार ने सरकारी दस्तावेजों में उसके इस्तेमाल का निर्देश दिया है. उक्त बातें रवींद्र भवन में आयोजित बाबा चैहरमल जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहीं.

मोदी ने कहा कि एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून एक ऐसा हथियार है, जिसके कारण कोई भी दलितों पर अत्याचार करने से डरता है. दुरुपयोग के नाम पर किसी भी कानून को कमजोर और शिथिल नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाबत केंद्र सरकार पूरी तरह से दलितों के साथ खड़ी है. उन्होंने एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में रखने की मांग की, ताकि आगे से कोई कोर्ट उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सके.

उन्होंने कहा कि भाजपा एससी, एसटी के प्रोमोशन में आरक्षण की पक्षधर है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने संविधान में संशोधन कर दलितों के लिए प्रोमोशन में आरक्षण लागू किया था. बिहार में भी यह व्यवस्था लागू की गयी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया. राज्य सरकार फिर से उसे लागू कराने का प्रयास करेगी. मोदी ने कहा कि संविधान की धारा 312 में यह प्रावधान है कि केंद्र सरकार चाहे तो अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का गठन कर एससी, एसटी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर सकती है. प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि इस मुद्दे पर देश में बहस होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति में बाबा साहब ने अपना पूरा नाम ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ हस्ताक्षर किया है. महाराष्ट्र में नाम के साथ पिता का नाम लिखने की परिपाटी है. बाबा साहब के पिता का नाम रामजी था. उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्यादेश जारी कर सभी सरकारी रिकॉर्ड में उनके इस पूरे नाम के प्रयोग का निर्देश दिया है. कुछ लोग इस पर हंगामा कर रहे हैं, जो उचित नहीं है.

इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आरक्षण कटौती का शिगुफा छेड़नेवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश-मोदी की सरकार है. कोई भी एससी-एसटी के आरक्षण में एक शब्द-एक अक्षर की छेड़छाड़ नहीं कर सकता. झूठे लोगों के चक्कर में आकर यह समाज एक बार ठगा गया है. इन्हें बार-बार ठगा नहीं जा सकता.

केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि चार साल में नरेंद्र मोदी सरकार का अधिक फोकस गांव, दलितों व पिछड़ों पर ही रहा. उनके जीवन स्तर को उठाने का प्रयास किया गया. सरकार सिर्फ एससी-एसटी पर 95724 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जो पिछले सालों के मुकाबले 12.35 फीसदी अधिक है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 70 साल के शासन में भी दलितों-पिछड़ों को उनका हक नहीं मिला, जिसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ही जिम्मेवार है. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने आरक्षण को लेकर कनफूकवा लोगों से सावधान रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में लोग इनकी कानाफुसकी के शिकार हो गये. लेकिन, काठ की हांडी कितनी बार चढ़ेगी. समाज जानता है कि उनको शुभचिंतक कौन है. कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी संत कुमार पासवान, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के सदस्य योगेंद्र पासवान, रामप्रीत पासवान, ज्ञानचंद मांझी, सुबोध पासवान सहित कई लोगों ने संबोधित किया.

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