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बंगाल : मई के पहले हफ्ते में पंचायत चुनाव !
पंचायत विभाग ने दी राज्य चुनाव आयोग की प्रस्तावित तिथि को मंजूरी कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव मई के पहले सप्ताह में शुरू होगा. यह चुनाव तीन चरणों में होगा और 16 मई के पहले चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी. अप्रैल के पहले सप्ताह में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जायेगी. […]
पंचायत विभाग ने दी राज्य चुनाव आयोग की प्रस्तावित तिथि को मंजूरी
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव मई के पहले सप्ताह में शुरू होगा. यह चुनाव तीन चरणों में होगा और 16 मई के पहले चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी. अप्रैल के पहले सप्ताह में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जायेगी.
राज्य चुनाव आयोग ने राज्य पंचायत विभाग को पंचायत चुनाव की प्रस्तावित तिथि भेजी थी, जिसे पंचायत विभाग ने मंजूरी दे दी है. हालांकि विरोधी दल केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की निगरानी में पंचायत चुनाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने साफ कर दिया कि पंचायत चुनाव राज्य पुलिस की निगरानी में ही होगी. पंचायत चुनाव के दौरान अर्द्धसैनिक बल की तैनाती नहीं होगी.
तीन चरणों में होगा मतदान
सूत्रों के अनुसार तीन चरणों में होनेवाले पंचायत चुनाव के दौरान पहले चरण में उत्तर बंगाल के छह जिलों में मतदान होंगे, जबकि दूसरे चरण में मालदा, मुर्शिदाबाद व नदिया सहित अन्य जिलों में मतदान होंगे. वहीं, दक्षिण बंगाल के जिलों में तीसरे चरण में मतदान होंगे.
लंबे समय से कई समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान
कोलकाता : पिछले छह माह से सेनडांगा और भूरकुंडा ग्राम पंचायत इलाके में टूटे ब्रिज की मरम्मत नहीं हो रही है और ना ही बदहाल रास्ते की मरम्मत हुई है.
बार-बार ग्राम पंचायत अधिकारियों को शिकायत किये जाने के बाद भी किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिस कारण से गुरुवार को गिलापोल, केउसा, सेनडांगा राजेंद्र शिविर एक नंबर और दो नंबर कॉलोनी के चार गांव के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. चार गांवों ने मिलकर पंचायत चुनाव में वोट के बहिष्कार की घोषणा की है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सेनडांगा में राजेंद्र शिविर एक नंबर कॉलोनी इलाके में गुरुवार सुबह से ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने स्थानीय तृणमूल प्रधान पापिया घोष के बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया. वहीं, अशोकनगर इलाके में भी 300 लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि प्रमुख सड़क पर जाने के लिए ब्रिज या रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है, जो नहीं हो पा रहा है.
भूरकुंडा पंचायत के केउसा, गिलापोल, सेनडांगा राजेन्द्र शिविर एक और दो नंबर कॉलोनी के कुल चार गांवों के लोगों में पंचायत बोर्ड के खिलाफ रोष है. इधर, अशोकनगर-कल्याणगड़ नगरपालिका के चेयरमैन प्रबोध सरकार ने बताया कि समस्या है, लेकिन वे लोग हर बार इसी तरह करते हैं, बाद में वोट देते हैं. हमारे पास अगर सस्याएं आती हैं, तो उस पर विचार किया जायेगा.
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