नयी दिल्ली : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के खिलाफ लगे आरोपों को‘ कड़ा’ करा दिया और सवाल उठाया कि क्या इन दोनों को वेतन बढ़ाने के मामले में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बगावत करने का खामियाजा भुगतना पड़ा.
दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में तीसरे टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ के मामले में भूमिका के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ और वार्नर को एक साल जबकि कैमरन बेनक्राफ्ट को नौ महीने के लिए प्रतिबंधित किया है.
हालांकि दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान गंभीर का मानना है कि सीनियर टीम के वेतन बढ़ाने के विवाद के दौरान बगावत के अगुआ रहने की इन दोनों को बाहर किये जाने में भूमिका हो सकती है. गंभीर ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘ क्रिकेट को भ्रष्टाचार मुक्त करने की जरूरत है लेकिन लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिबंध कुछ कड़े हैं.
क्या@ स्टीवस्मिथ49 और@ डेविडवार्नर31 को वेतन बढ़ाने के मामले में बगावत का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इतिहास गवाह है कि खिलाड़ियों के हितों के लिए खड़े रहने वालों का प्रशासक मजाक बनाते हैं. इसका उदाहरण इयान चैपल हैं.
गंभीर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और आम जनता से अपील की कि वे खिलाड़ियों के परिवारों के बारे में भी सोचे। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने ट्वीट किया, @ स्टीवस्मिथ49 के पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए दुख है. उम्मीद करता हूं कि मीडिया और ऑस्ट्रेलिया की जनता उनके खिलाफ आक्रामक नहीं होगी क्योंकि परिवार आसान निशाना होते हैं.
गंभीर के नजरिये से स्मिथ को धोखेबाज नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा, मैं शायद भावुक हो रहा हूं लेकिन@ स्टीवस्मिथ49 मुझे धोखेबाज नजर नहीं आता. आपके बारे में नहीं जानता लेकिन मैं उसे ऐसे बेताब नेतृत्वकर्ता के रूप में देखता हूं जो अपने देश, अपनी टीम के लिए टेस्ट जीतना चाहता था। हां, उसके तरीकों पर सवालिया निशान है लेकिन मैं उस पर भ्रष्ट का ठप्पा नहीं लगाऊंगा.