पटना : बिहार कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी के सेंथिल कुमार की 2.51 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर लिया है. वह वर्तमान में शिक्षा विभाग में अपर सचिव हैं.
उनकी जब्त संपत्ति में पटना और चेन्नई में मौजूद उनके तीन संस्थान भी शामिल हैं. पटना वाले दोनों संस्थान उनके छोटे भाई के अय्यपन और चेन्नई के संस्थान को उनके परिवार के सदस्य ही संचालित करते थे, लेकिन इन सभी में इनका ही अवैध रूप से पैसा लगा हुआ है.
पिछले एक महीने के दौरान यह दूसरे आइएएस अधिकारी हैं, जिनकी अवैध संपत्ति ईडी ने जब्त की है. इससे पहले 1991 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी प्रदीप कुमार की करीब दो करोड़ की संपत्ति जब्त की गयी थी. वह वर्तमान में संथाल परगना के आयुक्त हैं. प्रदीप कुमार 90 के दशक में पटना के भी डीएम रहे थे.
ईडी ने सेंथिल कुमार के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की है.जांच में यह बात सामने आयी कि उन्होंने मुंगेर डीएम से लेकर पटना नगर निगम के कमिश्नर के पद पर रहते हुए करोड़ों रुपये अवैध कमाई की. उन्होंने पटना में मौजूद दो संस्थान मेसर्स सुधा सुपर मार्केट और मेसर्स चेन्नई कैफे के अलावा चेन्नई स्थित के इंदिरा मेमोरियल एजुकेशनल ट्रस्ट के माध्यम से अवैध संपत्ति का निवेश कर रखा है. चेन्नई के इस ट्रस्ट का गठन 2003 में ही किया गया था, लेकिन 2008 में जब सेंथिल कुमार ने इसमें निवेश किया तब जाकर यह सक्रिय हुआ.
इसके ठोस प्रमाण ईडी को मिले हैं. इसके अलावा एक ठेकेदार बिमल कुमार के साथ मिलकर भी करोड़ों रुपये के ठेके में मोटी रकम घूस के तौर पर ली है. इस ठेकेदार के साथ इनका करोड़ों रुपये के हेरफेर करने की बात भी सामने आयी है. अवैध रुपये को ठेकेदार से लेकर ठिकाना लगाया गया है. इसके अलावा उन्होंने अपनी आय और कमाई को छिपाने के लिए गलत आयकर रिटर्न भी दायर किया है.
ये संपत्ति जब्त :-
– पटना में के सेंथिल कुमार के नाम पर मौजूद एक फ्लैट, जिसकी बुक वैल्यू 8.26 लाख है.
– के. इंदिरा मेमोरियल एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर मौजूद जमीन और भवन. कीमत 1.97 करोड़ से ज्यादा.
– तमिलनाडु के अरियालूर में 35 प्लॉट, जो उनके परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम पर हैं. इनकी बुक वैल्यू 37.84 लाख से ज्यादा है.
– के. सेंथिल कुमार और के. इंदिरा मेमोरियल एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर मौजूद अलग-अलग बैंकों में सात से ज्यादा खातों को जब्त किया गया. इनमें 7.13 लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं.