नयी दिल्ली : मोदी सरकार ने छोटी बचत कर भविष्य को संवारने वालों को मायूस कर दिया है. इसका कारण यह है कि उसने लघु बचत जमाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है. सरकार ने आगामी अप्रैल- जून तिमाही के लिए एनएससी और पीपीएफ सहित विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. सरकार की ओर से लघु बचत जमाओं पर ब्याज दर नहीं बढ़ाने के पीछे सरकार की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि उसकी ओर से यह कदम बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी से तालमेल बैठाने के लिए उठाया गया है.
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वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के लिए ब्याज दरों को अधिसूचित करते हुए कहा कि सरकार के फैसले के अनुरूप, लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जायेगा. इसके तहत एक अप्रैल, 2018 से शुरू होने वाली 2018- 19 की पहली तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें 2017- 18 की चौथी तिमाही में जिस दर पर अधिसूचित की गयीं थी, उसी दर पर अपरिवर्तित रहेंगी.
एक अन्य अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा कि लघु बचत योजनाओं के लिए आधार का ब्योरा देने की समयसीमा को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है. पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर को 8.3 फीसदी पर कायम रखा गया है. वरिष्ठ नागरिक योजना पर ब्याज दर का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है. वहीं, बचत खातों पर ब्याज दर को चार फीसदी वार्षिक पर कायम रखा गया है.
लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) तथा राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर 7.6 फीसदी का वार्षिक ब्याज मिलेगा. वहीं किसान विकास पत्र (केवीपी) पर 7.3 फीसदी ब्याज मिलेगा. यह 11 महीने में परिपक्व होगा. लड़कियों के लिए बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.1 फीसदी ब्याज दिया जायेगा.
एक से पांच साल की सावधि जमा पर 6.6 से 7.4 फीसदी ब्याज दिया जायेगा. इसका भुगतान तिमाही आधार पर किया जायेगा. पांच साल की आवर्ती जमा (आरडी) पर 6.9 फीसदी का ब्याज देय होगा.
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