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Food oil के निर्यात का रास्ता साफ, सरकार ने बैन हटाने की दी मंजूरी

नयी दिल्ली : गुरुवार को सरकार ने सरसों तेल को छोड़कर सभी प्रकार के खाद्य तेलों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से खाद्य तेलों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि सरसों का तेल […]

नयी दिल्ली : गुरुवार को सरकार ने सरसों तेल को छोड़कर सभी प्रकार के खाद्य तेलों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से खाद्य तेलों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि सरसों का तेल केवल पांच किलोग्राम के उपभोक्ता पैक में और 900 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य के साथ निर्यात किया जा सकेगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

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इसमें कहा गया है कि सभी खाद्य तेलों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने से खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए अतिरिक्त विपणन अवसर उपलब्ध होने की संभावना है और इससे तिलहनों के लिए बेहतर धनराशि प्राप्त होने से किसानों को फायदा होगा. इसमें कहा गया है कि खाद्य तेलों के निर्यात की अनुमति से भारत के खाद्य तेल उद्योग की पूरी क्षमता का उपयोगहो सकेगा तथा खाद्य तेलों के निर्यात पर प्रतिबंध और छूट की वजह से उत्पन्न भ्रम को दूर करते हुए व्यापार करने में आसानी की ओर एक कदम बढ़ेगा.

सरकार की ओर से कहा गया है कि खाद्य तेलों की सभी किस्मों की निर्यात और आयात नीति की समीक्षा करने और मात्रात्मक प्रतिबंध, पूर्व पंजीकरण, न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू करने, घरेलू उत्पादन और मांग, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों तथा वैश्विक व्यापार के आकार के अनुरूप आयात शुल्क में बदलाव करने आदि जैसे विषयों पर विचार करने के लिए सरकार ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एकसमिति को अधिकार दिये हैं. इस समिति में वाणिज्य, कृषि, राजस्व, उपभोक्ता मामलों के विभाग और विदेश व्यापार के महानिदेशक शामिल होंगे.

बयान में कहा गया है कि वाणिज्य सचिव की अध्यक्षता में अंतर- मंत्रालयीय समिति, जिसे उपभोक्ता पैकों में खाद्य तेलों के निर्यात की समीक्षा करने और न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की समय- समय पर जांच करने को अधिकृत किया गया था, को भंग कर दिया गया है. वर्ष2016-17 में तिलहन का उत्पादन पिछले दो सालों की तुलना में काफी बढ़ गया है.

इसमें कहा गया है कि यह उम्मीद है कि2017-18 में तिलहन का उत्पादन पहले के स्तर पर ही बना रहेगा. मौजूदा समय में केवल कुछ खाद्य तेलों का ही निर्यात थोक में किया जा सकता है तथा अन्य तेलों को न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के साथ पांच किलोग्राम उपभोक्ता पैक में ही किया जा सकता है.

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