नयी दिल्ली: राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे 40 सांसदों के विदाई के मौके पर प्रधानपमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में भाषण देते हुए सबसे पहले सासंदों के उत्तम सेवाओं और योगदान के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह सदन उन वरिष्ठ महानुभावों का है, जिनका अनुभव सदन को बेहतर बनाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि दिलीप जी और सचिन जी का लाभ आने वाले दिनों में हमें नहीं प्राप्त हो सकेगा. इन दोनों पर भारत को गर्व है. प्रधानमंत्री ने कुरियन साहब को भी बधाई दी और कहा कि आपकी हंसी को यह सदन मिस करेगा. आपने सदन को सही से चलाने के लिए काफी मेहनत की है.
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सांसदों का अपना एक महत्व होता है और सभी ने अपनी उस भूमिका को बखूबी निभाया है. देश के लिए हर सांसद योगदान करता है. आप सभी एक महत्वपूर्ण निर्णय प्रक्रिया से वंचित रह गये, इसका मलाल जरूर होगा. मगर अच्छा होता कि हम सारी चीजें आपकी उपस्थिति में ही कर पाते. उन्होंने कहा कि आपके लिए इस सदन का और प्रधानमंत्री का दरवाजा खुला है. आप जहां भी रहेंगे आप अपने विचारों से योगदान हमें योगदान देने का काम करते रहें. वरिष्ठ सांसदों का अपना महत्व होता है.
सदन के गतिरोध पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बहुत लोग होंगे जिनकी आखिरी सत्र में इच्छा रही होगी कि ऐतिहासिक भाषण के साथ विदाई लें, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं मिला. राज्यसभा में हंगामे के कारण सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को तीन तलाक पर रोक संबंधी विधेयक जैसे महत्वपूर्ण फैसलों में भाग लेने का सौभाग्य नहीं मिल सका.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह विदाई है, यह जुदाई नहीं है. यह तत्कालिक है. नेता कभी रिटायर नहीं होते हैं. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दोनों सदनों को मिलाने में अहम भूमिका निभायी. यहां लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मिलने के मामले में एक्स सांसद अधिक हैं.