नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय दलों का संघीय मोर्चा बनाने की संभावनाओं की तलाश में तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को दिल्ली पहुंचीं. उन्होंने यहां शिवसेना के संजय राउत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा और डीएमके नेता कनिमोझी से समेत तेदेपा, सपा, राजद, बीजद, नेकां, टीआरएस और झामुमो के नेताओं से मिलीं.
ममता ने भाजपा के खिलाफ गैर कांग्रेसी संघीय मोर्चा और अधिकतम विपक्षी एकता बनाने वकालत की. समझा जाता है कि बीजद, तेदेपा जैसे दलों को गठबंधन में शामिल करने के लिए वह कांग्रेस को अलग रखना चाहती हैं. हालांकि उन्होंने राकांपा नेता से अन्य विपक्षी दलों के विचार जानने का अनुरोध किया है. राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने इसकी पुष्टि की. ममता बुधवार को वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अन्य लोगों से मुलाकात करेंगी. उन्होंने अखिलेश और मायावती से भी मुलाकात की इच्छा जतायी. कहा कि वे आमंत्रित करेंगे, तो लखनऊ भी जाऊंगी.
ममता ने कहा कि समय आ गया है कि भाजपा बोरिया बिस्तर समेटे. भाजपा को हराने के लिए राज्यानुसार रणनीति समय की मांग है. जो पार्टी जहां मजबूत है, वहां हमें उसकी मदद करना चाहिए. उधर, तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने जिस विकल्प का प्रस्ताव दिया है, वह पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया होगा, न कि महज कुछ राजनीतिक दलों का गठजोड़.