20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आमदनी 792 करोड़, खर्च 864 करोड़, 72 करोड़ घाटे का निगम बजट पारित, बिजली, पानी, सड़क व सफाई पर फोकस

पटना : सोमवार को नगर निगम की विशेष बोर्ड की बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पारित किया गया. मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 864 करोड़ का बजट पास किया गया. कुल मिला कर 72 करोड़ घाटे का बजट पारित किया गया है. हालांकि पिछले साल की तुलना में 256 […]

पटना : सोमवार को नगर निगम की विशेष बोर्ड की बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पारित किया गया. मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 864 करोड़ का बजट पास किया गया. कुल मिला कर 72 करोड़ घाटे का बजट पारित किया गया है. हालांकि पिछले साल की तुलना में 256 करोड़ रुपये अधिक का बजट है. बजट के कुल प्रावधान की करीब 33 फीसदी राशि सड़क, बिजली, पानी और सफाई पर खर्च की जायेगी.
नये इलाकों में लैंप पोस्ट बढ़ाने के लिए अकेले 47 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. शहर के नये इलाके को जगमग करने के लिए कई वर्षों बाद यह प्रावधान किया गया है. बैठक में बताया गया कि निगम अपना आंतरिक राजस्व बढ़ायेगा. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आंतरिक राजस्व का 216.22 करोड़ लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इसके अलावा राज्य व केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में 576 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. बजट में नयी सड़क व नाले के निर्माण, पेयजल व साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया है. इस पर करीब 362 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. मेयर के प्रस्ताव पर बोर्ड ने एक संशोधन भी किया है. बजट में सिर्फ दो-दो बोरिंग का प्रावधान है, संशोधन के बाद उनकी संख्या पांच हो जायेगी.
नहीं बन सके हैं मेयर व नगर आयुक्त के आवास
नगर निगम के मेयर व नगर आयुक्त का आवास नहीं है. आवास निर्माण को लेकर वर्ष 2014 से ही बजट में दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है. मेयर व नगर आयुक्त के आवास अब तक नहीं बन सके हैं.
स्थिति यह है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी नगर आयुक्त व मेयर के आवास को लेकर दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं, मीटिंग हॉल बनाने को लेकर 3.80 करोड़, मार्केट बिल्डिंग निर्माण को लेकर तीन करोड़, अजीमाबाद व पाटलिपुत्र अंचल कार्यालय निर्माण को लेकर तीन करोड़ और निगम की खाली जमीन की बाउंड्री करने को लेकर दो करोड़ का प्रावधान किया गया है.
बजट के मुख्य प्रावधान एक नजर में
निगम क्षेत्र में सिर्फ 20 प्रतिशत मकानों में पानी का कनेक्शन दिया गया है. इसको शत-प्रतिशत करने का प्रावधान बजट में किया गया है.
निगम क्षेत्र में जलापूर्ति पाइप बिछाने पर 40 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में तीन गुना से अधिक है. हालांकि, वित्तीय वर्ष 2017-18 में जलापूर्ति योजना में 13 करोड़ का आवंटन किया गया था, जिसमें सिर्फ 5.65 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये.
वित्तीय वर्ष 2018-19 में 50 करोड़ रुपये से सफाई उपकरणों की खरीदारी करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें स्वीपिंग मशीन-छह, कॉम्पेक्टर-दस, जेसीबी-20, बॉबकैट-25, सेकेंडरी डस्टबीन-100, ट्राइ साइकिल-500 और हाथ गाड़ी-1000 खरीदे जायेंगे.
जनहित को ध्यान में रखा गया
जनहित को ध्यान में रख कर बजट तैयार किया गया है. पेयजल, सड़क, सफाई और लाइटिंग व्यवस्था पर अधिक राशि खर्च की जायेगी. अब कोशिश रहेगी कि बजट में किये गये एक-एक प्रावधानों को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारा जाये.
-सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम
रिक्त पदों को भरना जरूरी
पिछले बजट की कॉपी करते हुए आगामी वित्तीय वर्ष की बजट तैयार किया गया है. विकास मद में पिछले वर्ष की तुलना में राशि की काफी बढ़ोतरी की गयी है. पर धरातल पर कैसे उतारा जायेगा. जब तक कर्मचारियों के रिक्त पद नहीं भरेंगे, तब तक बजट का कोई मतलब नहीं है.
-विनय कुमार पप्पू, डिप्टी मेयर, पटना नगर निगम
क्रियान्वयन कराना चुनौतीपूर्ण
पिछले वर्ष बजट 608 करोड़ रुपये का था, लेकिन पूरी राशि खर्च नहीं की जा सकी है. आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पारित किया गया है, जिसमें विकास मद में काफी राशि का आवंटन किया गया है. शहर की समस्याएं दूर होंगी. हालांकि, क्रियान्वयन कराना चुनौतीपूर्ण होगा.
माला सिन्हा, वार्ड पार्षद
इन सवालों पर मेयर ने क्या दिया जवाब
बजट में प्रावधान, पर नहीं होता है काम
वार्ड पार्षद आशीष सिन्हा ने बजट पर बोलते हुए कहा कि यह बजट भी लोक लुभावन ही है. निगम बोर्ड हो या फिर निगम प्रशासन शहर की विकास को लेकर गंभीर है और बजट में प्रावधान भी किया जाता है. लेकिन, बजट में किये प्रावधानों का क्रियान्वयन नहीं होता है. इसके जिम्मेदार पार्षद हैं या फिर प्रशासन? वार्ड पार्षद आशीष सिन्हा की बातों का पार्षद माला सिन्हा, उर्मिला सिंह, असफर अहमद सहित कई पार्षदों ने समर्थन किया.
जवाब : मेयर ने बजट राशि खर्च न हो पाने पर कोई जवाब नहीं दिया.
शहर को ग्रीन करने का नहीं है प्रावधान
वार्ड पार्षद पिंकी यादव ने कहा कि स्वच्छ पटना पर जोर दिया जा रहा है. सफाई व्यवस्था पर 15 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. लेकिन, ग्रीन पटना व प्रदूषण मुक्त पटना करने का बजट में कोई प्रावधान नहीं है. जबकि बजट में प्रावधान होना चाहिए.
जवाब : स्मार्ट सिटी में किया गया है प्रावधान
दाह संस्कार की राशि आवंटित नहीं
पार्षद कुमार संजीत ने कहा कि पशु शव के निस्तार को लेकर बजट में राशि आवंटन की गयी है. लेकिन, मानव के लावारिस शव के दाह संस्कार को लेकर राशि आवंटित नहीं है. इसके साथ ही दैनिक सफाई कर्मी ड्यूटी के दौरान दुर्घटना ग्रस्त या फिर आकस्मिक मौत हो जाती है, तो उनके आश्रितों को मदद करने के लिए बजट में कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.
जवाब : प्रभारी नगर आयुक्त उदय कृष्ण ने कहा कि 5.5 करोड़ रुपये का आवंटन है. इस पर डिप्टी मेयर ने कहा कि इस प्रावधान को स्पष्ट कर दें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें