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32 ट्रेनों के रिजर्वेशन चार्ट से कोच पोजीशन गायब

दूसरे डिवीजन से आनेवाली ट्रेनों में नहीं मिल रहा कोच पोजीशन, फजीहत आरा : प्रत्येक माह करीब 19 करोड़ रुपये का राजस्व देने वाले आरा रेलवे स्टेशन पर पिछले कई दिनों से कोच पोजीशन नहीं आ रहा है. खासकर हावड़ा, गुवाहाटी व अमृतसर से आनेवाली ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट में कोच का डाटा फीड ही […]

दूसरे डिवीजन से आनेवाली ट्रेनों में नहीं मिल रहा कोच पोजीशन, फजीहत

आरा : प्रत्येक माह करीब 19 करोड़ रुपये का राजस्व देने वाले आरा रेलवे स्टेशन पर पिछले कई दिनों से कोच पोजीशन नहीं आ रहा है. खासकर हावड़ा, गुवाहाटी व अमृतसर से आनेवाली ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट में कोच का डाटा फीड ही नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आरा व बक्सर रेलवे स्टेशन पर कार्यरत कर्मियों को भी इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है कि फलां बोगी कहां पर आकर लगेगी. जानकारी के लिए लोग स्टेशन मास्टर, आरपीएफ व टीटीई से संपर्क करते हैं, लेकिन इनलोगों को भी कोच पोजीशन की जानकारी नहीं होती है. ऐसे में आमयात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हर ट्रेन के लिए दानापुर कॉमर्शियल कंट्रोल के पास करना पड़ता है फोन : जिन ट्रेनों के रिजर्वेशन चार्ट में कोच पोजीशन नहीं आता है. उनकी स्थिति को जानने के लिए कॉमर्शियल कंट्रोल को फोन करना पड़ता है. ऐसे में कई बार फोन करने के बाद भी कंट्रोल द्वारा फोन नहीं उठाया जाता है. ऐसे में यात्रियों को जानकारी नहीं मिल पाती है.
इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा है समस्या : आरक्षण चार्ट में कोच पोजीशन का डाटा फीड नहीं होने की सबसे ज्यादा समस्या ब्रह्मपुत्र मेल, पंजाब मेल, फरक्का एक्सप्रेस, दानापुर-उधना एक्सप्रेस, इस्लामपुर-नई दिल्ली मगध एक्सप्रेस, हिमगिरी एक्सप्रेस, नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस, गुवाहाटी-दादर एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में आ रही है.
ऐसे होता है डाटा फीड: ट्रेनों के चलने के शुरूआती स्टेशनों पर डाटा को फीड किया जाता है. डॉटा लॉगर से कोच पोजीशन को फीड किया जाता है. इसके बाद वहीं से पूरे कंप्यूटर में अपलोड किया जाता है. इसके बाद रिजर्वेशन चार्ट में कोच पोजीशन दर्ज होता है. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस समय सुधार किया जा रहा है. बहुत जल्द सामान्य हो जायेगा.
ट्रेन लेट होने पर टिकट रिफंड कराने में भी परेशानी : ट्रेन लेट होने पर डाटा फीड नहीं होने के कारण लोगों को टिकट रिफंड कराने में भी मुश्किल होती है. आरा रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट रिफंड करने के लिए लोग लाइन में दो से तीन घंटे तक लगे रहते हैं. काउंटर पर पहुंचने पर पता चलता है कि इस ट्रेन का डाटा कंप्यूटर में फीड ही नहीं हुआ है. ऐसे में टिकट रिफंड नहीं होता है. रिफंड कराने के लिए ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर से मेमो लिखवाना पड़ता है. इसके बाद काउंटर पर जमा करने के बाद टिकट रिफंड होता है.
महिलाओं व बुजुर्गों को परेशानी : कोच पोजीशन नहीं आने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं व बुजुर्गों को होती है. दो मिनट ट्रेन का ठहराव ही होता है. ऐसे में सिर पर सामान लेकर 24 बोगी की एक ट्रेन को पूरब से पश्चिम भीड़ में जाना पड़ता, जिसके कारण लोगों को परेशानी होती है.
क्या है उपाय : पूर्व में पटना-मुगलसराय रेलखंड पर चलनेवाली ट्रेनों में यह सुनिश्चित रहता था कि फलां ट्रेन की एसी बोगी अप में आगे रहती है और डाउन में पीछे रहती है. इसी हिसाब से लोग अपनी बोगी से एक-दो बोगी इधर-उधर रहते थे और आसानी से अपनी बोगी तक पहुंच जाते हैं, लेकिन हाल के दिनों में कोई निश्चित नहीं है कि कौन-सी बोगी कहां लगेगी? रेलवे के जानकारों का कहना है कि पूर्व की भांति अगर फिक्स भी कर दिया जाता, तो लोगों को अासानी होती.
दानापुर डिवीजन की ट्रेनों में होता है एनाउंसमेंट : दानापुर डिवीजन के क्षेत्राधिकार से चलनेवाली श्रमजीवी व मगध एक्सप्रेस के कोच पोजिशन नहीं आने पर आरा, डुमरांव व बक्सर में एनाउंसमेंट किया जाता है कि आज श्रमजीवी एक्सप्रेस की एसी बोगी आगे है. पीछे से स्लीपर एस वन शुरू होगा. इसी हिसाब से लोग रिजर्वेशन कोच में पहुंच जाते हैं, लेकिन यह सुविधा केवल दानापुर डिवीजन से खुलनेवाली ट्रेनों मिल रही है.
दानापुर डिवीजन के आरा व बक्सर रेलवे स्टेशन पर रुकनेवाली 32 ट्रेनों के रिजर्वेशन चार्ट से कोच पोजीशन ही गायब है. ऐसे में ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन आनेवाले लोगों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि उनकी बोगी कहां पर आकर रुकेगी? इन स्टेशनों पर मात्र दो मिनट तक ट्रेनों का ठहराव है. ऐसे में कोच की जानकारी नहीं मिलने से अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो जाती है. प्रभात खबर की तीन दिनों की पड़ताल के बाद यह बात सामने आयी कि अलग-अगल 32 ट्रेनों में कोच पोजीशन फीड ही नहीं हो रहा. खासकर ब्रह्मपुत्र मेल, पूर्वा, पंजाब मेल, विभूति जैसी वीआईपी ट्रेनों में भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. प्रस्तुत है संजीत उपाध्याय की रिपोर्ट.
अधिकारियों के आने के बाद लगता है कोच इंडिकेटर
आरा रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों के आने के बाद कोच इंडिकेटर लगाया जाता है. अधिकारियों के जाने के बाद कोच इंडिकेटर हटा दिया जाता है. इतने महत्वपूर्ण स्टेशन पर कोच इंडिकेटर नहीं रहने से रेलवे की लापरवाही दरसा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
रिजर्वेशन चार्ट में कोच पोजीशन नहीं आने की समस्या में सुधार की प्रक्रिया चल रही है. बहुत जल्द इसे ठीक कर दिया जायेगा, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो.
संजय प्रसाद, जनसंपर्क अधिकारी, दानापुर डिवीजन

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