न्यूयॉर्क : फेसबुक के लिए मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अमेरिकी और ब्रिटेन के समाचार पत्रों में कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल पर माफी मांगने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट अब एंड्रॉयड उपकरणों से फोन नंबर तथा टेक्स्ट मैसेज हासिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आ गयी है.
वेबसाइट ‘आरस टेक्निक’ की खबर के अनुसार फेसबुक द्वारा एकत्रित किया गया डाटा देखने पर यूजर्स ने पाया कि उसमें उनके वर्षों पुराने कॉन्टेक्ट, टेलीफोन नंबर, कॉल की अवधि और टेक्स्ट मैसेज हैं. फेसबुक ने कहा कि जानकारी सर्वर को सुरक्षित करने के लिए अपलोड की गयी और यह केवल उन्हीं यूजर्स की है, जिसकी उन्होंने अनुमति दी है.
प्रवक्ता ने बताया कि इस डाटा को यूजर्स के मित्रों को अथवा किसी बाहरी को न तो बेचा गया, न ही किसी के साथ साझा किया गया. कंपनी ने कहा कि उसने टेक्स्ट मैसेज या कॉल से जुड़ी सामग्री एकत्रित नहीं की. प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक मैसेंजर में कॉन्टेक्ट्स की रैंकिंग के लिए (ताकि उसे ढूंढना आसान हो जाए) और कॉल करने का सुझाव देने के लिए इन जानकारियों का इस्तेमाल किया गया.
ताबड़तोड़ FB डिलीट कर रहे लोग, 4875 अरब का घाटा
डाटा लीक विवाद की मार से फेसबुक की हालत खराब है. एक तरफ बाजार में कंपनी के शेयर्स काफी नीचे गिरे हैं, तोदूसरी ओर रसूखदार लोग और कंपनियां फेसबुक से नाता तोड़ रही हैं. ये कंपनियां न केवल अपने पेजेज फेसबुक से डिलीट कर रही हैं, बल्कि एफबी को दिये जाने वाले अपने विज्ञापन भी बंद कर रही हैं.
सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह में फेसबुक को अपनी कुल पूंजी में 75 बिलियन यूएस डॉलर (लगभग 4875 अरब रुपये) का घाटा लगा है,जो अब भी जारी है. यही नहीं, मार्केट में एफबी के शेयरों में 13% तक की गिरावट भी दर्ज की गयी है.
जुकरबर्ग की माफी
फेसबुककेसीईओ मार्क जुकरबर्ग ने डाटा लीक होने के मुद्दे पर माफी मांगी है. ब्रिटेन के लगभग सभी राष्ट्रीय अखबारों में जुकरबर्ग की माफी का विज्ञापन फुल पेज में छपा है. विज्ञापन में लिखा गया, हमारे ऊपर आपकी जानकारियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है. अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तो हम इसके लायक नहीं हैं.
अपने माफीनामे में जुकरबर्ग ने बताया है – एक यूनिवर्सिटी रिसर्चर द्वारा एक क्विज तैयार की गयी, जिससे साल 2014 में लाखों लोगों का फेसबुक डाटा लीक हुआ. यह भरोसा तोड़ना था. मुझे अफसोस है कि हम उस समय ज्यादा कुछ नहीं कर पाये. अब हम यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं कि आगे कभी भी ऐसा कुछ न हो. बताते चलें कि यह विज्ञापन पिछले हफ्ते मार्क जुकरबर्ग द्वारा दिये गये सार्वजनिक बयान पर ही आधारित था.
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