हरिद्वार : भारत को आध्यात्मिक महाशक्ति बनाने के लिए योग गुरु रामदेव ने रविवार को रामनवमी पर एक नयी पहल में पतंजलि द्वारा तैयार किये गये करीब 90 संन्यासियों को ‘दीक्षा’ प्रदान की. यहां धर्मनगरी में गंगा तट पर रामदेव ने स्वयं 51 संन्यासियों तथा 39 संन्यासिनों को ‘दीक्षा’ प्रदान की. इस दौरान दीक्षा लेने वाले संन्यासियों के परिवार के लोग भी उपस्थित थे. संन्यासी जीवन में संन्यासियों का स्वागत करते हुए योग गुरू ने कहा कि संत बनने और स्वयं को राष्टसेवा के लिए समर्पित करने से ज्यादा आनंददायक कुछ और नहीं हो सकता.
#Ramdev gives 'Deeksha' to 85 religious scholars in #Haridwar
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— ANI Digital (@ani_digital) March 25, 2018
उन्होंने संन्यासी बन गये अपने शिष्यों के परिवारों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपने बच्चों को राष्ट्र सेवा के पुनीत कार्य के लिए समर्पित कर दिया. पतंजलि के परिसर में ऋ षिग्राम में बनी लकड़ी की यज्ञशाला में गत 21 मार्च से हवन और यज्ञ जैसे अनुष्ठान चल रहे थे और आज गंगा घाट पर योग गुरू और उनके सहयोगी बालकृष्ण की देखरेख में संन्यासियों को दीक्षा दी गयी. आज दीक्षा लेनेवाले संन्यासियों में ब्राहमण, क्षत्रियों, वैश्यों और शूद्रों सहित समाज के सभी वर्गों और वर्णों के लोग शामिल थे. इन सभी को रामदेव के सानिध्य में वेदों और उपनिषदों की शिक्षा दी गयी है. इस संबंध में बाबा रामदेव ने बताया कि देश को आध्यात्मिक महाशक्ति बनाने की उनकी योजना के तहत आज 90 संन्यासियों को दीक्षा दी गयी. रामदेव की योजना 1000 संन्यासियों को तैयार कर उन्हें राष्ट की सेवा में समर्पित करने की है.