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रद्द नहीं होगी दारोगा बहाली परीक्षा

पटना : 11 मार्च को आयोजित दारोगा बहाली परीक्षा रद्द नहीं होगी. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोपित अभ्यर्थी की पहचान कर ली है. आरोपित अभ्यर्थी और अज्ञात के खिलाफ गया के चंदौती थाने में कदाचार की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस […]

पटना : 11 मार्च को आयोजित दारोगा बहाली परीक्षा रद्द नहीं होगी. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोपित अभ्यर्थी की पहचान कर ली है. आरोपित अभ्यर्थी और अज्ञात के खिलाफ गया के चंदौती थाने में कदाचार की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस केस की जांच का जिम्मा गया के डीएसपी (विधि-व्यवस्था)को सौंपा गया है. आयोग कुछ और लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करा सकता है.

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के ओएसडी अशोक कुमार प्रसाद ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस अवर निरीक्षक के 1717 पदों के लिए 11 मार्च, 2018 को पहली पाली में राज्य के 34 जिलों में 708 परीक्षा केंद्रों परऔर दूसरी पाली में पटना के 33 केंद्रों पर प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करायी गयी थी. परीक्षा के बाद आयोग को प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर प्रचारित होने की सूचना मिली. इस प्रकरण की आयोग के चेयरमैन की अध्यक्षता में एक कमेटी ने जांच की. जांच में पाया गया है कि अजीत कुमार, पिता राजनंदन प्रसाद (रोल नंबर 3812420450 ) निवासी मोहल्ला झरणा सरेण , ग्राम धनसुरा, जिला गया ने कदाचार की नीयत से फेसबुक पर प्रश्नपत्र के अलग-अलग पृष्ठों, एडमिट कार्ड और ओएमआर के कुछ अंश को अपलोड किया था.
अजीत किसान इंटर काॅलेज, प्रेतशिला, गया पर परीक्षा दे रहा था. अशोक कुमार ने बताया कि जांच में यह बात सामने आयी है कि आरोपित अजीत ने परीक्षा के दौरान ही इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस की मदद से पेपर आदि को फेसबुक पर अपलोड किया था. आरोपित और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. गया के डीएसपी (विधि-व्यवस्था) सतीश कुमार केस की जांच कर रहे हैं.
इन धाराओं में दर्ज कराया है मुकदमा
दारोगा बहाली परीक्षा कदाचार के मामले में आरोपितों पर बिहार परीक्षा अधिनियम 1981, 66 (डी) आईटी एक्ट 2000 एवं 468/ 471 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
परीक्षा केंद्र के कर्मी भी जांच के घेरे में
इस मामले में आरोपित अभ्यर्थी अजीत किसान इंटर काॅलेज, प्रेतशिला, गया में परीक्षा दे रहा था. वह इलेक्ट्रानिक डिवाइस लेकर परीक्षा हाल में बैठ कैसे गया, इस बिंदु पर भी जांच की जा रही है. आयोग यह मानकर चल रहा है कि परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी दे रहे कुछ लोगों ने आरोपित अभ्यर्थी की मदद जरूर की है. इस कारण आयोग ने आरोपित के साथ अज्ञात आरोपितों का जिक्र किया है, ताकि जांच में दोषी पाये गये कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा सोशल मीडिया पर कुछ अन्य लिंक के संबंध में भी जानकारी जुटायी जा रही है. इस लिंक के आधार पर आयोग दो- तीन लोगों को संदिग्ध मानकर चल रहा है.
घटना में कोई गिरोह सक्रिय नहीं : आयोग
दारोगा बहाली परीक्षा में किसी गिरोह द्वारा पेपर लीक करने की घटना को आयोग ने खारिज कर दिया है. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद ने बताया कि सोशल मीडिया पर ही प्रश्नप्रत्र लीक होने की जानकारी है. इसके अलावा किसी और स्तर पर कोई भी जानकारी या तथ्य नहीं मिला है.

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