पटना : बिहार में इन दिनों सियासी मुलाकातों का सिलसिला जारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाल में लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और चिराग पासवान ने मुलाकात की. वहीं जन अधिकार मोर्चा के संरक्षक पप्पू यादव ने भी मुलाकात की थी. इन मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाये जा रहे थे, हालांकि कोई भी बात खुलकर सामने नहीं आयी और इसे औपचारिक मुलाकात भर माना गया. शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच घंटों बातचीत हुई.
जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं ने शिक्षा के मुद्दे पर बातचीत की और केंद्रीय विद्यालय और शिक्षा के के मसले पर विस्तार से चर्चा हुई. उपेंद्र कुशवाहा कभी मुख्यमंत्री नीतीश के काफी करीबियों में गिने जाते थे. बाद में उन्होंने जदयू से अलग होकर रालोसपा बनाई थी. कई मुद्दों को लेकर कुशवाहा पूर्व में बिहार सरकार की निंदा भी करते रहे हैं. बिहार में दोबारा एनडीए की सरकार बनने के बाद कुशवाहा की नीतीश से इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं.
हालमें नीतीश कुमार ने अपने दिये एक बयान में कहा था कि वह रामविलास पासवान के इस विचार से सहमत हैं कि एनडीए को समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहिए. नीतीश ने बताया था कि रामविलास पासवान के साथ उनकी निजी मुलाकात में भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इससे पहले रामविलास पासवान ने कहा था कि एनडीए का नारा सबका साथ, सबका विकास है लेकिन इस पर सही मायने में अमल भी होना चाहिए.
वहीं राजनीतिक हलकों में मुलाकात को लेकर तरह-तरह की कयास बाजी शुरू है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हाल में उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा में सुधार के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया था और उसमें राजद नेता भी शामिल हुए थे. उस आयोजन के बाद बयानबाजी का जोरदार दौर शुरू हुआ था. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में जानें कि चर्चा तेज थी और अचानक उन्होंने नीतीश से मुलाकात कर उस चर्चा पर विराम लगा दिया है.
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