निगम की ओर से अतिक्रमण के मामले में दी गयी जानकारी
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स्थायी लीज पर दे दी गयी नाले की जमीन लोक शिकायत में
निगम की ओर से अतिक्रमण के मामले में दी गयी जानकारी गया : जिला लोक शिकायत निवारण में अतिक्रमण के आवेदन पर नगर निगम द्वारा जवाब दिया गया कि नाले की जमीन को पर्मानेंट (स्थायी) लीज पर दे दिया गया है. जानकारी के अनुसार, आदर्श कॉलोनी निवासी पारस बरेलिया ने आवेदन देकर कहा था कि […]
गया : जिला लोक शिकायत निवारण में अतिक्रमण के आवेदन पर नगर निगम द्वारा जवाब दिया गया कि नाले की जमीन को पर्मानेंट (स्थायी) लीज पर दे दिया गया है. जानकारी के अनुसार, आदर्श कॉलोनी निवासी पारस बरेलिया ने आवेदन देकर कहा था कि आदर्श कॉलोनी व ढोलकिया गली के संयुक्त नाला का अतिक्रमण कर लिये जाने के कारण हर वक्त परेशानी होती है. नाले की लंबाई लगभग छह सौ फुट है लेकिन 50 फुट निर्माण कर छोड़ दिया गया है.
कई महीने बीतने के बाद भी नाले का पूर्ण निर्माण नहीं किया गया. नाले का अतिक्रमण कर लिये जाने के कारण इसकी सफाई भी नहीं की जा सकी है. निगम ने अपने जवाब में कहा कि जिस अतिक्रमित जमीन की बात आवेदक द्वारा की गयी है उस जमीन को नगर निगम द्वारा सितंबर 1966 को एक व्यक्ति के नाम से पर्मानेंट लीज किया गया है. जिसका क्षेत्रफल 240 वर्गमीटर है. नाले की सफाई समय-समय पर की जाती है.
निगम की जमीन लीज पर देने या फिर बेची जाने के हैं कई मामले
निगम के अधिकारी ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री निश्चय योजना में प्राथमिकता के आधार पर नाले का निर्माण कराया जायेगा. बरेलिया का कहना है कि नाले की जमीन जब पर्मानेंट लीज पर दे दी गयी, तो किस जमीन पर निगम नाला बनायेगी. यह सिर्फ टालने वाली बात है. जानकारों का कहना है कि इस तरह का मामला एक जगह नहीं, बल्कि निगम की जमीन लीज पर देने व बेचे जाने के कई मामले हाल के दिनों में सामने आये हैं. पिछले दिनों बोर्ड की बैठक में जमीन गलत ढंग से निगम कर्मचारी द्वारा रजिस्ट्री किये जाने का मामला भी सामने आ चुका है. इसमें जांच कमेटी बनाने की बात कही गयी थी.
नीरा प्लांट का अब तक टेंडर नहीं फाइलों में काम अंतिम चरण में
तीसरी बार टेंडर निकालने की चल रही प्रक्रिया
नीरा प्लांट के संबंध में जो निर्देश पटना मुख्यालय से दिया जाता है, हम उसी के अनुरूप काम करते हैं. कम्फेड पटना द्वारा प्लांट निर्माण के लिए टेंडर निकाला जा रहा है. दो बार टेंडर रद्द हो चुका है. एक बार फिर से टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. हमारे पास नीरा केंद्र को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है. कुछ माह पूर्व ही नीरा प्रोजेक्ट का इंचार्ज बनाया गया है.
बीएन प्रसाद, सहायक प्रबंधक कम्फेड गया
टेंडर हो भी गया, तो आसान नहीं होगी राह
कम्फेड से जुड़े सूत्रों की मानें तो प्लांट के लिए टेंडर हो भी गया, तो कागजी प्रक्रिया को पूरा होते-होते कुछ महीने बीत जायेंगे. ऐसे में गया में नीरा प्लांट इस साल के अंत-अंत तक शुरू हो सकता है. हालांकि अधिकारी इस मामले में यह कह रहे हैं सब कुछ कम्फेड पटना के द्वारा ही होना है, इसलिए उन्हें जो भी निर्देश प्राप्त होगा उसी के अनुरूप वह काम करेंगे.
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