मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और भारतीय कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों व कुछ प्रबुद्ध अर्थशास्त्रियों ने‘ लिबरल आर्ट विश्वविद्यालय’ स्थापना के लिए हाथ मिलाया है. क्रिया नाम का यह विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश की श्रीसिटी में स्थापित किया जाएगा. इस गठजोड़ का मकसद देश में पूर्व स्नातक शिक्षा के स्तर में बदलाव लाना है. इंडसइंड बैंक के प्रमुख तथा विश्वविद्यालय के निगरानी बोर्ड के चेयरमैन आर शेषसायी ने कहा कि प्रस्तावित लिबरल आर्ट विश्वविद्यालय में पहले चरण में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ इस 750 करोड़ रुपये के निवेश में से 70 से 80 प्रतिशत को लेकर चीजें स्पष्ट हैं.
कंपनियां अपनी परमार्थ गतिविधियों के तहत यह निवेश कर रही हैं.” विश्वविद्यालय के पहले बैच की शुरुआत जुलाई, 2019 में होगी जिसके लिए प्रवेश नवंबर से शुरू होगा. हॉस्टल सुविधाओं के साथ फीस या शुल्क सात से आठ लाख रुपये होगा. शुरुआत में विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों का संचालन श्रीकोटी के आईएफएमआर कैंपस से करेगा. बाद में यह अपने 200 एकड़ के परिसर में स्थानांतरित होगा, जो 2020 तक बनकर तैयार होगा.
शेषसायी ने कहा कि यह लिबरल आर्ट और विज्ञान में चार साल का रेजिडेंशियल स्नातक पूर्व कार्यक्रम होगा जिनके तहत बीए( आनर्स) और बीएससी( आनर्स) की डिग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मंजूरी मांगी गई है. विश्वविद्यालयसंचालन परिषद के सलाहकार राजन ने कहा कि हम नई सोच रखने वाले भारतीयों का समूह तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं जो दुनिया के विकास में योगदान देगा.
जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल जोकि संचालन परिषद के सदस्य हैं ने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय दुनिया और देश की बेहतरीन प्रतिभाओं को साथ लाएगा. संचालन परिषद के एक अन्य सदस्य आनंद महिंद्रा भी हैं. पूर्व बैंकर एन वाघुल संचालन परिषद के चेयरमैन और शिक्षा विद् सुंदर रामास्वामी विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे
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