मेदिनीनगर आये थे दोनों
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एक करोड़ के इनामी माओवादी अरविंद की पत्नी व बेटे को लातेहार ले गयी पुलिस
मेदिनीनगर आये थे दोनों मेदिनीनगर : एक करोड़ के इनामी माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य देवकुमार सिंह उर्फ अरविंद उर्फ निशांत की मौत की खबर सुन उनके परिवार के सदस्य जहानाबाद से मेदिनीनगर पहुंचे थे. सूचना के मुताबिक, अरविंद की पत्नी प्रभावती देवी, उनका पुत्र राकेश और साला स्कॉर्पियो से मेदिनीनगर आये थे. वे रेलवे […]
मेदिनीनगर : एक करोड़ के इनामी माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य देवकुमार सिंह उर्फ अरविंद उर्फ निशांत की मौत की खबर सुन उनके परिवार के सदस्य जहानाबाद से मेदिनीनगर पहुंचे थे. सूचना के मुताबिक, अरविंद की पत्नी प्रभावती देवी, उनका पुत्र राकेश और साला स्कॉर्पियो से मेदिनीनगर आये थे. वे रेलवे स्टेशन पर संगठन के किसी सदस्य का इंतजार कर रहे थे, जो उन्हें अरविंद का अंतिम दर्शन करा सके. इसी दौरान पुलिस गश्ती दल को संदेह होने पर उन लोगों से पूछताछ की. इसी दौरान प्रभावती देवी ने उन्हें बता दिया कि वह माओवादी अरविंद की खबर मिली है कि उनकी मौत हो गयी है. उनसे मिलने आयी हूं. इसके बाद गश्ती दल के प्रभारी उन लोगों को थाने ले गये. वहां अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह व महिला थाना प्रभारी दुलर चौड़े ने उनसे पूछताछ की. पुलिस ने उन लोगों के मोबाइल फोन में जो भी कांटेक्ट नंबर थे, उस पर फोन कर उनके मददगारों तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उन लोगों को लेने नहीं आया. संभवत: उन लोगों को यह जानकारी हो गयी थी कि वे लोग पुलिस के कब्जे में हैं. अरविंद का पुत्र पटना में फिजिक्स की कोचिंग सेंटर चलाता है.
माओवादियों के बयान के बाद ही पुलिस करेगी अरविंद की मौत की पुष्टि
भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य देवकुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत की पुष्टि के लिए पुलिस महकमा भाकपा माओवादियों के अधिकारिक बयान का इंतजार कर रहा है. लेकिन गुरुवार शाम तक संगठन की ओर से इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया गया. एक वरीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि माओवादी संगठन के अधिकारिक बयान या अरविंद के शव मिलने पर ही उसके मरने की पुष्टि की जा सकेगी.
प्रशांत बोस को भी कोलकाता शिफ्ट किया : अरविंद के बाद संगठन में दूसरे नंबर पर आने वाले एक करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस को भी बीमारी ने जकड़ लिया है. संगठन की ओर से उन्हें इलाज के लिए बूढ़ा पहाड़ से कोलकाता शिफ्ट किया गया है.
मिसिर बेसरा को मिल सकती है जवाबदेही : माओवादी संगठन में दो वरिष्ठ माओवादी हैं, जिन्हें संगठन की ओर से झारखंड की कमान सौंपी जा सकती है. इनमें एक करोड़ रुपये का इनामी मिसिर बेसरा और दूसरा एक करोड़ का इनामी सुधाकरण है. कुछ दिनों पूर्व लेवी के पैसे और सोने के साथ सुधाकरण का भाई बी नारायण और उसका सहयोगी पकड़ा गया था. इस कारण मिसिर का पलड़ा कुछ भारी है. अभी मिसिर बूढ़ा पहाड़ पर और सुधाकरण सारंडा के जंगल में रह रहा है.
अरविंद की क्षमता किसी में नहीं : संगठन पर बारीकी से नजर रखनेवाले एक वरीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि अरविंद शीर्ष नक्सलियों में अलग था. उसकी सोच अलग थी. उसमें संगठन को जोड़कर चलने की क्षमता थी. यही वजह थी कि दो वर्षों से बीमार होने के बाद भी अरविंद संगठन को जोड़े रखने में कामयाब रहा. हो सकता है अब संगठन में हर स्तर पर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो जाये. बताया जाता है कि अरविंद 1974 के जेपी आंदोलन में भी शामिल थे. बाद में नक्सली विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया था.
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