वॉशिंगटन/ नयी दिल्ली :अमेरिकी चुनाव में फेसबुक के महत्वपूर्ण डाटा लीक होने के मामले में मार्क जुकरबर्ग ने भले ही माफी मांग ली हो लेकिन फेसबुक को लेकर असुरक्षा की भावना लोगों में जरूर घर कर गयी है. 2019 में भारत में लोकसभा का चुनाव होना है. ऐसे समय में फेसबुक खुद को मजबूत करने में लगा है ताकि चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो.
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने कहा है कि भारत जैसे देशों में आगामी चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक अपने सुरक्षा सुविधाओं में इजाफा कर रहा है. उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्ंरप के चुनावी अभियान से जुड़ी ब्रिटेन की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों के दुरुपयोग मामले में फेसबुक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं .
जकरबर्ग ने’ द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार में कहा, " खबरों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश और चुनावों को प्रभावित करने वाले फर्जी फेसबुक खातों की पहचान करने के लिए फेसबुक ने कृत्रिम मेधा( एआई) आधारित उपकरण तैनात किया है. इस तरह के उपकरण का प्रयोग पहली बार2017 में फ्रांस चुनाव में किया गया था. उन्होंने कहा, " नए एआई उपकरण को हमने2016 चुनावों के बाद बनाया और पाया कि30,000 से अधिक फर्जी खातेहैं जो रूसी सूत्रों से जुड़े हैं और वे उसी रणनीति के तहत काम करने की कोशिश कर रहे थे जैसा उन्होंने अमेरिका में2016 के चुनाव में किया गया था.
हम इन फर्जी खातों को हटाने में कामयाब हुए हैं. जकरबर्ग ने कहा, " पिछले साल अलबामा में हमने फर्जी खातों और गलत खबरों की पहचान के लिए कुछ नए एआई उपकरण पेश किए थे और हमें बड़ी संख्या में मैसेडोनिया खातों का पता चला, जो कि फर्जी खबरें फैला रहे थे और हमने उन्हें बंद किया. उन्होंने कहा, " मैं बेहतर प्रणाली के बारे में विचार कर रहा हूं. ऐसे समय में, जब मेरा मानना है कि रूस और अन्य सरकारें जो भी काम करती हैं, उसे और परिष्कृत तरीके से करने जा रहे हैं.
इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएं. जकरबर्ग ने कहा, हमारा ध्यान केवल अमेरिकी चुनाव तक नहीं है बल्कि भारत, ब्राजील में होने वाले चुनाव और इस साल होने वाले अन्य चुनाव पर भी है, जो कि बहुतही महत्वपूर्ण हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूस जैसे देशों का चुनाव में हस्तक्षेप को कठिन बनाने के लिए फेसबुक को बहुत काम करने की आवश्यकता है ताकि ट्रोल और अन्य लोग फर्जी खबरें नहीं फैला सकें. उल्लेखनीय है कि कल भारत ने फेसबुक को चेताया था कि अगर उसके द्वारा अवांछित साधनों के माध्यम से देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जकरबर्ग को समन किया जाएगा.
माकपा ने लगाया डाटा चोरी का आरोप
माकपा ने फेसबुक पर डाटाचोरी के आरोपों सहित पिछले कुछ दिनों में उजागर हुये सरकारी गड़बड़ियों के मामलों और अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में चर्चा से बचने का सत्तापक्ष पर आरोप लगाया और कहा कि दोनों सदनों में जारी गतिरोध के लिये विपक्ष को दोषी ठहराना गलत है. माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार 14वें दिन स्थगित होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सत्तापक्ष स्वयं इस स्थिति के लिये जिम्मेदार है. सलीम ने कहा ‘‘हर बीतते दिन से साफ है कि सत्तापक्ष खुद सदन नहीं चलने देना चाहता है.
फेसबुक डाटा चोरी सहित सरकारी गड़बड़ियों से जुड़े नये मामले हर दिन उजागर हो रहे हैं, जिन पर सदन में चर्चा होना चाहिये, लेकिन सत्तापक्ष इससे बचने के लिये सदन नहीं चलने दे रहा है.’ सलीम ने कहा कि हर दिन मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी पर होता है इनकी फुटेज दिखा कर देश की जनता को बताया जाना चाहिये कि सदन में हंगामा करने वाले सदस्य सत्तापक्ष के हैं या विपक्षी दलों के. सलीम ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से इस गतिरोध को दूर करने के लिये विभिन्न दलों के नेताओं से बातचीत की पहल करने की मांग की.
सलीम ने फेसबुक पर डाटा चोरी करने के कथित आरोपों के मामले में कहा कि सोशल मीडिया के मार्फत चोरी किये गये डाटा का चुनाव में इस्तेमाल वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हुआ था. डिजिटल डाटा की निजता और गोपनीयता के हवाले से उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की. गौरतलब है कि जब से यह मामला सामने आया है राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं.