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घटना ने खोली अस्पताल की पोल

बिशुनपुर : विषाक्त भोजन खाने से बीमार पड़ी टाना भगत आवासीय बालिका विद्यालय चापाटोली की 48 बच्चियों को जब सीएचसी बिशुनपुर लाया गया, तो घटना ने सीएचसी बिशुनपुर की पोल खोल कर रख दी. सीएचसी में चिकित्सा प्रभारी डॉ ओम प्रकाश पासवान, डॉ अलंकार उरांव व डॉ अंकुर उरांव सभी सीएचसी से नदारत होकर रांची […]

बिशुनपुर : विषाक्त भोजन खाने से बीमार पड़ी टाना भगत आवासीय बालिका विद्यालय चापाटोली की 48 बच्चियों को जब सीएचसी बिशुनपुर लाया गया, तो घटना ने सीएचसी बिशुनपुर की पोल खोल कर रख दी.
सीएचसी में चिकित्सा प्रभारी डॉ ओम प्रकाश पासवान, डॉ अलंकार उरांव व डॉ अंकुर उरांव सभी सीएचसी से नदारत होकर रांची अपने आवास पहुंच चुके थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद डॉक्टर आनन-फानन में रांची से बिशुनपुर पहुंचे. वहीं अस्पताल के शौचालय में पानी व बिजली की व्यवस्था नहीं थी.
बच्चियों को शौचालय जाने के लिए स्कूल कर्मियों द्वारा अपनी मोबाइल लाइट जला कर उन्हें देनी पड़ी. बच्चियों ने देखा कि शौचालय में पानी नहीं है. इसके बाद पानी की व्यवस्था की गयी. जबकि सीएचसी की छत पर चिकित्सा प्रभारी के कुछ चहेते को स्नान करते देखा जाता है.
डीसी व डीडीसी ने बीमार छात्राओं से िमल कर उनका हालचाल पूछा अनुपस्थित चिकित्सकों पर कार्रवाई होगी: सीएस
सीएस डॉ जयदेव चंद्र दास सीएचसी बिशुनपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सभी चिकित्सकों को अनुपस्थित पाया. उन्होंने कहा कि एक भी चिकित्सक हमसे छुट्टी लेकर नहीं गये है. विषाक्त भोजन से बीमार पड़ने के बाद डीसी ने स्वयं अस्पताल जाकर इसका निरीक्षण किया है. उन्होंने हमें चिकित्सकों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सभी चिकित्सकों पर कार्रवाई की जायेगी.
15 दिनों में विद्यालय में लगेगी बिजली
इधर, डीसी, एसपी व डीडीसी टाना भगत बालिका आवासीय विद्यालय पहुंचे. वहां विद्यालय प्रबंधन के लोगों ने कहा कि कई माह से विद्यालय में बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है. हम लोग छोटे-छोटे सोलर लैंप की लाइट से खाना बनाने से लेकर खाना खिलाने का काम करते हैं.
सोलर की लाइट हल्की होने के कारण छिपकिली कब गिर कर दाल में चली गयी, इसका पता नहीं चल पाया. अगर विद्यालय में बिजली की सुविधा होती, तो शायद यह घटना नहीं होती है. इस पर डीसी ने कहा कि 15 दिनो के अंदर विद्यालय में बिजली लगेगी.
गायब चिकित्सक व बीडीओ पर होगी कार्रवाई : डीसी
टाना भगत आवासीय बालिका विद्यालय चापाटोली में विषाक्त भोजन खाने से विद्यालय की 48 बच्चियों गंभीर रूप से बीमार हो गयी, जिन्हें सीएचसी बिशुनपुर ले जाया गया. वहां एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे.
चिकित्सा कर्मियों द्वारा आयुर्वेद के चिकित्सक विकास हलदर को बुला कर सभी बीमार बच्चियों का इलाज कराया गया. तीन में से एक भी चिकित्सक सीएचसी में उपस्थित नहीं रहने पर डीसी नाराज हुए. डीसी ने सभी चिकित्सक पर कार्रवाई करने की बात कही. साथ ही उन्होंने बीडीओ उदय कुमार को भी अनुपस्थित पाये जाने पर उन पर भी कार्रवाई किये जाने की बात कही.
इधर, 48 बच्चियों का अकेले इलाज करने वाले आयुर्वेद चिकित्सालय के डॉक्टर विकास हलधर को डीसी श्रवण साय व डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा ने बधाई दी. चूंकि तमाम बच्चियों का इलाज कर उनकी जान बचायी. डीसी ने इनके अलावा इंदु देवी, सहोदरी लकड़ा, नेहा टोपनो, गुड़िया कुमारी व राजाकांत यादव को भी बेहतर सेवा देने के लिए सम्मानित करने की बात कही है.
जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं चिकित्सक
भाजयुमो प्रखंड अध्यक्ष राधेश्याम सिंह ने कहा कि बिशुनपुर प्रखंड आदिवासी बहुल पिछड़ा क्षेत्र है. जहां के लोगों की जिंदगी के साथ चिकित्सक खिलवाड़ कर रहे है. उन्होंने चिकित्सा प्रभारी ओम प्रकाश पासवान को हटाये जाने की मांग की है.

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