रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद की ओर से दायर क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला 22 मार्च तक के लिए सुरक्षित रख लिया.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने इस मामले में सजा पर रोक लगा दी है. अदालत ने आदेश में कहा कि दोषी होने पर रोक लगाने का अधिकार निचली अदालत को नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया कि निचली अदालत को दोषी घोषित होने पर भी रोक लगाने का अधिकार है.
सरकार की अोर से दलील का विरोध करते हुए बताया गया कि प्रार्थी ने स्पीकर के फैसले को चुनौती देते हुए भी याचिका दायर की है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी योगेंद्र प्रसाद ने याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनाैती दी है. कोयला चोरी मामले में रामगढ़ की अदालत ने पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को सजा सुनायी है. अपील पर सुनवाई के दाैरान निचली अदालत ने सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगायी थी, लेकिन दोषी घोषित होने संबंधी आदेश पर रोक नहीं लगायी.