मधुबनी : महिला सशक्तीकरण की दिशा में लगातार पहल की जा रही है. महिलाओं को आगे लाने के लिये कई प्रकार की योजनाएं भी केंद्र व बिहार सरकार द्वारा चलायी जा रही है. हाल ही बाल विवाह व दहेज प्रथा को भी समाप्त करने के लिये हम सबने एक साथ हाथ में हाथ मिलाया. इसका उद्देश्य एक ही है कि सदियों से इन दो अभिशाप से जूझ रही महिलाओं को त्राण मिले. चुनाव में महिलाओं को आरक्षण का लाभ भी दिया गया. पर इसके बाद भी हमारे समाज की महिलाएं अभी खुलकर सामने नहीं आ पा रही हैं.
पारिवारिक बंदिश के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की समस्याओं से वे आज भी घिरी हैं. यह बंदिश व महिलाओं के साथ हो रहे शोषण समाज को विकसित करने में बाधक बन रही है. बिहार के 106 साल पूरा होने के मौके पर हमारा यह नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें. परिवर्तन आयेगा, विकास की गति तेजी से दौड़ेगी. सोमवार को प्रभात खबर कार्यालय में कैसे हो महिला का उत्थान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल महिलाओं ने अपने-अपने विचार प्रकट किये.