पटना : बिहार और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के बाद आये परिणाम के बाद शनिवार की देर रात लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है. राष्ट्रीय स्तर पर बदल रही गठबंधन की राजनीति में मुख्यमंत्री आवास पर चिराग के साथ रामविलास पासवान की भेंट का राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं.
उपचुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री व पासवान की पहली मुलाकात है. एक दिन पहले सांसद चिराग पासवान ने भी कहा था कि एनडीए से घटक दलों का बाहर जाना अच्छा संकेत नहीं है. मुख्यमंत्री आवास से बाहर आने के बाद लोजपा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने माना कि उपचुनाव में एनडीए को नुकसान हुआ है. यह चिंता का विषय भी है. उन्होंने कहा कि एनडीए को सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा. प्रधानमंत्री का नारा है सबका साथ, सबका विकास तो सबको साथ लेकर चलना होगा. कांग्रेस ने सभी वर्गों को साथ लेकर ही राज किया था.
पासवान ने कहा कि अररिया लोकसभा क्षेत्र में एनडीए की हार का पहले से ही अंदेशा था. बिहार उपचुनाव में सहानुभूति वोट के कारण ही एनडीए की हार हुई है. एनडीए से टीडीपी और हम के अलग होने के सवाल पर रामविलास ने कहा कि एनडीए से जिनको जाना है वे जा रहे हैं. हमलोग एनडीए के साथ हैं. टीडीपी के एनडीए छोड़ने को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर टीडीपी की मांगों को माना जाता तो बिहार में भी आंदोलन होता.
मालूम हो कि एनडीए से टीडीपी के बाहर चले जाने के बाद लोजपा सांसद चिराग पासवान ने भी एनडीए को आगाह कि या है कि शिव सेना 2019 का चुनाव स्वतंत्र लड़ने की घोषणा कर चुकी है. यूपीए ने 20 दलों को इकट्ठा कर लिया है. ऐसे में यह आवश्यक है कि एनडीए एकजुट होकर रणनीति तय करे. साथ ही सहयोगियों का पूरा सम्मान करें.
वहीं, एनडीए में रहकर भी रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा खामोशी धारण किये हुए हैं. उपचुनाव की घोषणा के बाद हम के नेता जीतनराम मांझी भी एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के अंग बन चुके हैं. मांझी के पाला बदलने के बाद राज्य की बदली परिस्थिति में दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर राजनीति क मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि लोजपा नेता इसे शिष्टाचार मुलाकात बता रहे हैं.