भारत के नौ राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना और झारखंड के कुल 60 से ज्यादा जिलों में बारिश की मात्रा घटी है और तापमान बढ़ गया है.
2005 से 2015 तक तापमान में 0.25 से 0.75 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इस दौरान 50 से 500 मिमी औसतन बारिश में कमी आयी है. इकोनॉमिक सर्वे 2018 में मौसम के बदलाव के कई नये तथ्य सामने आये हैं. इसके अनुसार, देश में मानसून का पैटर्न बदलता दिखाई दे रहा है और यह स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है. पिछले 10 साल में बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश और बिहार पर हुआ है.
निःसंदेह तापवृद्धि और अनियमित वर्षा जैसे परिवर्तन के पीछे मानवीय कारक ही हैं. हमने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है. अगर हमलोग अब भी सचेत नहीं हुए, तो आगे आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी.
गुलाम गौस आसवी, धनबाद