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सरकारी पानी फेल, प्राइवेट की चांदी, इधर निर्देश पर निर्देश शहर मंे पानी के तीन रंग

गर्मी ने अभी दस्तक ही दी है, शहर में पानी का संकट शुरू हो गया है. एक तरफ तो वाटर वर्क्स से जलापूर्ति व्यवस्था बेहद लचर है. दूसरी तरफ बोतल बंद पानी का महीने में करोड़ों का कारोबार है. बोतल बंद पानी के शहर में कई प्लांट हैं. यहां से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की […]

गर्मी ने अभी दस्तक ही दी है, शहर में पानी का संकट शुरू हो गया है. एक तरफ तो वाटर वर्क्स से जलापूर्ति व्यवस्था बेहद लचर है. दूसरी तरफ बोतल बंद पानी का महीने में करोड़ों का कारोबार है. बोतल बंद पानी के शहर में कई प्लांट हैं. यहां से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बिक्री जार व सील बोतल में होती है. वहीं मुख्य बाजार में चापाकल फेल है और प्याऊ खराब. यहां बाजार आनेवाले ग्राहकों को प्यास बुझाने के लिए स्वच्छ पानी मिलना मुश्किल है. दूसरा विकल्प पानी खरीद कर ही पीना है. नगर निगम ने बिना परमिशन सबमर्सिबल करनेवालों पर सख्ती के साथ जुर्माना की बात कही है. ग्रामीण क्षेत्रों का हाल भी बुरा है. यहां 38 प्रतिशत चापानल खराब हो चुके हैं. जलस्तर तो पाताल भाग ही रहा है.

भागलपुर : भागलपुर मुख्य बाजार में गिनती के प्याऊ व चापाकल हैं. अधिकतर चापाकल खराब पड़े हैं. प्याऊ में लगे नल टूटे हैं. इससे दुकानदार व ग्राहकों को प्यास बुझाना मुश्किल हो रहा है. गरमी बढ़ती जा रही है. साथ ही दुकानदारों व ग्राहकों की चिंता भी बढ़ती जा रही है.
60 फीसदी दुकानदार रखते हैं जार वाला पानी: 60 फीसदी दुकानदार तो खुद के लिए जार वाला पानी खरीद रहे हैं. जबकि रोजाना आने वाले 50 हजार से अधिक ग्राहकों की परेशानी बढ़ने लगी है. सोनापट्टी में एक चापाकल है. अधिकतर आभूषण दुकानदार अपनी दुकान में जार वाला पानी रखते हैं. उनके यहां आये खास ग्राहकों को ही पीने का पानी मिल पाता है. रोजाना यहां पर गोड्डा, दुमका, बांका, नवगछिया, जमालपुर, सुल्तानगंज, बेलहर, पीरपैंती आदि क्षेत्रों से आने वाले हजारों ग्राहकों को पेयजल संकट झेलना पड़ रहा है.
पांच नल में तीन खराब: इनारा चौक पर ढाई वर्ष पहले ही पीएचइडी विभाग की ओर से लाखों की लागत से प्याऊ निर्माण कराया गया. लेकिन रख-रखाव के अभाव पांच नल में तीन खराब हो गया.
वेराइटी चौक पर बराबर बंद रहता है प्याऊ : वेराइटी चौक पर यहां बार-बार मोटर खराब होने के कारण प्याऊ ही बंद रहता है. लोगों का कहना है यहां पर आजाद क्लब की ओर से 2002 में प्याऊ का निर्माण कराया गया था.
प्लांट के लिए जरूरी शर्तें
मिनरल वाटर प्लांट लगाने के लिए दो सौ फीट की बोरिंग होनी चाहिए.
आरओ मशीन और चिलर मशीन होनी चाहिए.
आइएसआइ मार्का का पाइप लगा रहना चाहिए.
समय-समय पर पाइप को बदलना है, ताकि कजली जमे नहीं.
चेंबर करेगा अस्थायी प्याऊ की व्यवस्था
इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शैलेंद्र सराफ ने बताया कि रख-रखाव की जवाबदेही नगर निगम की है. नगर निगम प्रशासन की उदासीनता की वजह से ऐसा हुआ है. नगर निगम प्रशासन यदि इसका जिम्मा चेंबर ऑफ कॉमर्स को दे दे तो व्यवस्था दुरुस्त कर दिया जायेगा. हालांकि शीघ्र ही विभिन्न चौक-चौराहे पर सामाजिक संगठनों के सहयोग से अस्थायी प्याऊ की व्यवस्था किया जायेगा. वहीं जागृति क्लब की ओर से वीणा ढांढानिया ने बताया कि वेराइटी चौक पर अस्थायी प्याऊ लगाया जायेगा, जिसमें शुद्ध पानी घड़े में रखा जायेगा. यह 24 घंटे तक पानी उपलब्ध करायेगा.
गांवों में 38% चापाकल खराब
गर्मी आते ही चापाकल जवाब देने लगे हैं. सार्वजनिक विभिन्न स्थलों पर सरकारी चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. गांवों का यह हाल है कि अभी तक 38 फीसदी चापाकल सूख चूके हैं. जलस्तर नीचे चले जाने से एेसा हुआ है. यह स्थिति जिले के चार प्रखंड जगदीशपुर, सुल्तानगंज, नाथनगर, शाहकुंड व गोराडीह की है, जो लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर (पश्चिमी) के अधीन है. सुलतानगंज, जगदीशपुर, नाथनगर, शाहकुंड, गोराडीह में 159837 होल्डिंग हैं, जिसकी आबादी तकरीबन 852795 है. यहां पीएचइडी के खराब पड़े चापाकलों में 1854 चापाकल ऐसे हैं, जो अब ठीक नहीं होगा. 2758 चापाकल खराब पड़े हैं. हालांकि 513 चापकल मरम्मत करायी गयी है.
बाजार में पेयजल के साधन की स्थिति
कलाली गली में एक प्याऊ दो वर्ष पहले लगा है. इससे हड़ियापट्टी, सूतापट्टी के लोंगो काे िमलता है पानी.
खलीफाबाग के पास एक भी प्याऊ नहीं है. वेराइटी चौक की ओर जाने के क्रम में एक प्रतिष्ठान की ओर से ग्राहकों के लिए प्याऊ की सुविधा दी गयी है.
महादेव सिनेमा के पास दो चापाकल तीन वर्षों से बंद पड़ा है.
लोहापट्टी, सब्जी मंडी, फूल मंडी, फल मंडी के दुकानदार इनारा चौक से लाते है पानी.
मारवाड़ी टोला लेन से सटे रामचंद्र पोद्दार लेन में 2006 में पार्षद उषा देवी के कार्यकाल में चापाकल लगाया गया. इसके कुछ दिन के बाद ही यह बंद हो गया.
वेराइटी चौक एवं इनारा चौक पर लाखों की लागत से लगे प्याऊ का रख-रखाव नहीं होता. वहीं कोतवाली चाैक पर एक प्याऊ से पर्याप्त पानी नहीं आता. दूसरा थाना के आगे लोगों की भीड़ लगी रहती है.

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