गया/मुजफ्फरपुर : गया जिले के परैया थाने में पिछले चार माह से पदस्थापित दारोगा गौरी शंकर ठाकुर ने गुरुवार की सुबह थाना परिसर स्थित एक कमरे में सर्विस रिवाॅल्वर से सिर में गोली मार कर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना मिलते ही सिटी एसपी गौरव मंगला ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की. शव की स्थिति देख परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं.
घटना सुबह 9:30 से 10 बजे के बीच की है. बताया जाता है कि करीब साढ़े 10 बजे थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने एक घटना की जानकारी देने के लिए उन्हें फोन किया. फोन नहीं उठाने पर उनके कमरे के ऊपर के कमरे में रह रहे एक अन्य एएसआई शिवमंदिर सिंह को फोन कर उन्हें देखने के लिए कहा. शिवमंदिर सिंह ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया. काफी प्रयास के बाद भी जब गौरी शंकर ने दरवाजा नहीं खोला, तो थानाध्यक्ष की अनुमति के बाद दरवाजे को तोड़ा गया. बेड पर वह मृत पड़े थे. घटना की सूचना थानाध्यक्ष को दी गयी. वह गया जा रहे थे, लेकिन मौत की सूचना पाकर आधे रास्ते से ही लौट आये.
32 साल पूर्व सिपाही पद पर हुए थे बहाल . उनकी बहाली सिपाही के पद पर 1986 में हुई थी. प्रोन्नति पाकर वह एसआइ तक पहुंचे थे. उनका पूरा परिवार पैतृक गांव कांटी में ही रहता है. गौरी शंकर ने टिकारी के अलीपुर थाने से नवंबर 2017 में परैया थाने में ज्वॉइन की थी. इससे पहले सिविल लाइंस व आंती
कांटी के दारोगा
थाने में भी काम किया. 2023 में वे रिटायर्ड होने वाले थे. जानकारों का कहना है कि एसआइ बेटी की शादी के लिए छुट्टी के लिए कई बार वरीय अधिकारियों के पास चक्कर काट चुके थे. बुधवार को छुट्टी स्वीकृत कराने के लिए एसएसपी कार्यालय भी गये, लेकिन छुट्टी वहां से भी स्वीकृत नहीं हो सकी.
मौत पर उठ रहे सवाल
कमरे में दारोगा का शव बिस्तर पर पड़ा था. उन्होंने दाहिने हाथ से सर्विस रिवॉल्वर की बट व बायें हाथ से नली पकड़ रखी थी. शव जिस अवस्था में पड़ा था, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. घटना की सूचना पर पहुंचे सिटी एसपी गौरव मंगला व एएसपी बलिराम चौधरी ने कमरे का मुआयना किया. सिटी एसपी गौरव मंगला ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.