नयी दिल्लीः सरकार शहरों को स्मार्ट बनाने में लगी है. शहर कितने स्मार्ट हुए ?. कौन – कौन सी सुविधाएं मिली और सड़क, बिजली , पानी जैसे जरूरी सुविधाएं कितनी आसानी से उपलब्ध हैं. शहर के स्मार्ट होने का सर्वे किया है बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर सिटिजनशिप एंड डेमोक्रेसी ने. इस सर्वे में कोई भी शहर फर्स्ट क्लास अंको के साथ पास नहीं हुआ. जो शहर सबसे ऊपर रहे वह भी सिर्फ पासिंग मार्क्स के साथ हैं.
इस सर्वे में किसी भी शहर को 60 फीसद नंबर नहीं मिले. 54 फीसद शहरी निकाय ऐसे हैं जो इतना भी नहीं कमा पाते कि अपने अधिकारियों को वेतन भी दे पायें. इसके अलावा कई शहरों में कर्मचारियों की भारी कमी भी एक बड़ा कारण है. इस सर्वे में 20 राज्यों से 23 शहरों को शामिल किया गया.
सर्वे में सबसे ऊपर स्थान मिला पुणे शहर को. पुणे को 10 में से 5.1 अंक मिले वहीं बेंगलुरु को सिर्फ 3 अंक मिले. दिल्ली 6 स्थान पर है. शहरों का यह हाल इसलिए भी रहा क्योंकि ज्यादातर जगहों में कमिश्नर बदलते रहे. पटना में पांच सालों में पांच कमिश्नर , देहरादून का भी यही हाल चेन्नई चंडीगढ़ और बेंगलुरू में चार बार कमिश्नर बदल गये. सर्वे के आधार पर बेंगलुरु, चंडीगढ़ जैसे कई शहरों में सिर्फ एक साल के लिए मेयर का कार्यकाल होता है. छह महीने में जितता काम होता है दूसरे मेयर के आने के बाद रफ्तार धीमी पड़ जाती है.
दुनिया के स्मार्ट शहरों का स्कोर 8 से ज्यादा
लंदन |
8.8/10 |
न्यूयॉर्क |
8.8/10 |
जोहानिसबर्ग |
7.6/10 |
टॉप फाइव शहर
पुणे |
5.1/10 |
कोलकाता |
4.6/10 |
तिरुअनंपुरम |
4.6/10 |
भुवनेश्वर |
4.6/10 |
सूरत |
4.5/10 |
बॉटम फाइव शहर
चेन्नई |
3.3/10 |
पटना |
3.3/10 |
देहरादून |
3.1/10 |
चंडीगढ़ |
3.1/10 |
बेंगलुरु |
3.0/10 |